Book Title: samaysar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Jain Granth Uddhar Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 510
________________ अधिकारः ९] समयसारः । ४९७ तमिति ४३ यदहमकार्षे वाचा च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४४ यदहमचीकरं वाचा च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४५ यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं वाचा च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४६ यदहमकार्ष कायेन च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४७ यदहमचीकरं कायेन च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४८ यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं कायेन च नं समनुज्ञास्यामि । केन ? मनसा वाचा कायेन तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति पूर्ववत् षट्संयोगे नैको भंगः | यथा यदहं करिष्यामि यदहं कारयिष्यामि यदहं कुर्वतमप्यन्यं प्राणिनं समनुज्ञास्यामि । केन ? चनकर वह पापकर्म मेरा मिथ्या हो । यह चवालीसवां भंग है । इसमें एक कृत ले एक वचन लगाया इसलिये ग्यारह की समस्या से ग्यारहका भंग कहना । ४४ । ११ । जो पापकर्म अतीतकालमें मैंने अन्यको प्रेरकर कराया वचनकर वह पापकर्म मेरा मिथ्या हो । यह पैंतालीसवां भंग है । इसमें कारित एक ले एक वचन लगाया इसलिये ग्यारहकी समस्या से ग्यारहका भंग कहना । ४५ । ११ । जो पापकर्म अतीतका - में मैंने अन्य करते हुएको भला जाना वचनकर वह पापकर्म मेरा मिथ्या हो । यह छयालीसवां भंग है । इसमें एक अनुमोदना ले एक वचन लगाया इसलिये ग्यारह की समस्या से ग्यारहका भंग कहना । ४६ । ११ । जो पापकर्म अतीतकाल में मैंने किया कायकर वह पापकर्म मेरा मिध्या हो । यह सैंतालीसवां भंग है । इसमें एक कृत ल एक काय लगाया इसलिये ग्यारहकी समस्या से ग्यारहका भंग कहना । ४७ । ११ । जो पापकर्म मैंने अतीतकालमें अन्यको प्रेरकर कराया कायकर वह पापकर्म मेरा मिथ्या हो । यह अड़तालीसवां भंग है । इसमें एक कारित ले एक काय लगाया इसलिये ग्यारहकी समस्या से ग्यारहका भंग कहना । ४८ । ११ । जो पापकर्म अतीतकालमें मैंने करते हुए अन्यको भला जाना कायकर वह पापकर्म मेरा मिथ्या हो । यह उनचासवां भंग है । इसमें एक अनुमोदना ले एक काय लगाया इसलिये एका एकासे ग्यारह की समस्या होनेसे ग्यारहका भंग कहा जाता है । ४९ । ११ । ऐसे ग्यारह के नौ भंग हुए । इस तरह उनचास भंग हैं । उनमें तेतीसकी समस्याका एक १ । बत्तीस ३ । इकतीसके तीन ३ । तेईसके तीन ३ । बाईसके नौ ९ । इकईस के ९ । तेरह के तीन ३ । बारह के नौ ९ । ग्यारह के नौ ९ । इसप्रकार सब मिलकर उनचास हुए । इन उनचास भंगों का संक्षेप पाठ ऐसा जानना — कृतकारित अनुमोदना मन वचन कायकर । ३३ । यह एक तेतीसकी समस्या का भंग ॥ १ ॥ कृतकारित अनुमोदना मन वचन - कर ३२ । कृतकारित अनुमोदना मन कायकर ३२ । कृतकारित अनुमोदना वचन का - यकर ३२ । ये तीन बत्तीसकी समस्याके ३ ॥ कृतकारित अनुमोदना मनकर । ३१ । कृतकारित अनुमोदना वचनकर । ३१ । कृतकारित अनुमोदना कायकर । ३१ । ये इक ६३ समय ०

Loading...

Page Navigation
1 ... 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590