Book Title: Swatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Author(s): Kanaknandi Acharya
Publisher: Dharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
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35. भगुज्यों की उत्कृष्ट और उपन्य स्थिति 36. तिर्यंचों की स्थिति
अध्याय 4.
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1. देवों का वर्णन 2. भवनत्रिक देवों में लेश्या का वर्णन 3. चार निकायों के प्रभेद 4. चार प्रकार के देवों का सामान्य भेद । 5. व्यन्तर और ज्योतिषी देवों में इंद्र आदि भेदों की विशेषता 6. देवों में इन्द्रों की व्यवस्था 7. देवों में स्त्री सुख का वर्णन 8. शेष स्वों के देवों के विषय 9. सोलह स्वर्गों से ऊपर के देवों के सुख 10. भवनवासियों के दस भेद 11. व्यन्तर देवों के आठ भेद , 12. ज्योतिष्क देवों के पाँच भेद 13. ज्योतिष्क देवों का विशेष वर्णन 14. काल का व्यवहार होने का कारण 15. मनुष्य लोक के बाहर ज्योतिष देवों की स्थिति 16. वैमानिक देवों का वर्णन 17. वैमानिक देवों के भेद । 18. कल्पों का स्थितिक्रम 19. वैमानिक देवों के रहने का स्थान 20. वैमानिक देवों में उत्तरोत्तर अधिकता 21. वैमानिक देवों में उत्तरोत्तर हीनता 22. वैमानिक देवों में लेश्या का वर्णन 23. कल्प संज्ञा कहाँ तक है? . 24. लौकान्तिक देव
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