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सन्मते ज्ञान पीठ के प्रकाशन
के विधि-विधान भी दिए गए हैं। पाठ करने वाले बन्धुत्रों के लिए पुस्तक संग्रहणीय है । मूल्य साधारण संस्करण १ 1 ) राज संस्करण २ ) संगीतिका
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[ सङ्गीत विशारद पण्डित विश्वम्भरनाथ भट्ट एम ए. एल एल. वी. ]
प्रस्तुत पुस्तक में उपाध्याय कवि श्री श्रमरचन्द्रजी महाराज के रचित गीतों का बहुत ही सुन्दर सम्पादन एवं संकलन हुआ है। संगृहीत गीतों का वर्गीकरण भी मनोवैज्ञानिक पद्धति से हुआ है । सब से बड़ी विशेषता तो यह है कि सङ्गीतशास्त्र के उद्भट विद्वान् पण्डित विश्वम्भरनाथजी
सभी गीतों की श्राधुनिक प्रचलित रागों में स्वरलिपि तैयार करके सङ्गीत प्रेमियों का बड़ा उपकार किया है । सङ्गीत सीखने वालों के लिए यह पुस्तक बड़ी ही उपयोगी सिद्ध होगी । पुस्तक में संकलित सभी गीत सभी प्रकार के उत्सवों पर गाए सबसे निराली है । पुस्तक की है | श्रार्ट पेपर पर छपी हुई संस्करण का ३|| ) |
राष्ट्रीय, सामाजिक और धार्मिक हैं । जा सकते हैं । पुस्तक अपने ढङ्ग की छपाई सफाई बहुत ही आकर्षक एवं सुन्दर इस पुस्तक का मूल्य ६ ) और साधारण
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उज्ज्वल-वाणी
[ श्री रत्नकुमार 'रत्नेश' साहित्य रत्न, शास्त्री ]
प्रस्तुत पुस्तक में महासती श्री उज्ज्वलकुमारीजी के श्रोजस्वी एवं क्रान्तिकारी प्रवचनों का बहुत ही सुन्दर संकलन और सम्पादन हुआ है । सतीजी स्थानकवासी समाज की एक परम विदुषी और प्रौढ विचारशीला साध्वी हैं । आपके प्रवचनों में स्वाभाविक वाणी का प्रवाह, सुत-समाज को प्रबुद्ध करने का विलक्षण प्रभाव और उच्च विचार विद्यमान हैं । जीवन को समाजोपयोगी, पवित्र, उन्नत, और सुखी बनाने के लिए यह पुस्तक आपके पथ प्रदर्शन का काम करेगी ।
इस पुस्तक में राष्ट्रीय, समाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक प्रवचनों