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शेष सूत्र
सम्यक्त्व सूत्र अरिहंतो मह देवो,
जावज्जीवं सुसाहुणो गुरुणो। जिण-पएणतं तत्तं,
इस सम्मत्तं मर गहियं ॥१॥
शब्दार्थ अरिहंतो- अर्हन्त भगवान जिरणपण्णत्तं - श्री जिनराज का मह = मेरे
कहा हुआ देवो - देव है
ने तत्व है, धर्म है जावज्जीवं - यावज्जीवन, इथ- यह
जीवन पर्यन्त सम्मत्तं% सम्यक्व सुसाहुणों-श्रेष्ठ साधु
मए - मैंने गुरुणो = गुरू है
गहियं = ग्रहण किया है
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