Book Title: Shraman Sutra
Author(s): Amarchand Maharaj
Publisher: Sanmati Gyanpith

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Page 748
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir सन्म ते ज्ञान पीट के प्रकाशन के विधि-विधान भी दिए गए हैं। पाठ करने वाले बन्धुत्रों के लिए पुस्तक संग्रहणीय है । मूल्य साधारण संस्करण ११) राज संस्करण २) संगीतिका [ सङ्गीत-विशारद पण्डित विश्वम्भरनाथ भट्ट एम ए. एल एल. वी.] प्रस्तुत पुस्तक में उपाध्याय कवि श्री अमरचन्द्रजी महाराज के रचित गीतों का बहुत ही सुन्दर सम्मादन एवं संकलन हुआ है। संगृहीत गीतों का वर्गीकरण भी मनोवैज्ञानिक पद्धति से हुआ है । सब से बड़ी विशेषता तो यह है कि सङ्गीतशास्त्र के उद्भट विद्वान् पण्डित विश्वम्भरनाथजी ने सभी गीतों की श्राधुनिक प्रचलित रागों में स्वरलिपि तैयार करके सङ्गीत प्रेमियों का बड़ा उपकार किया है। सङ्गीत सीखने वालों के लिए यह पुस्तक बड़ी ही उपयोगी सिद्ध होगी। पुस्तक में संकलित सभी गीत राष्ट्रीय, सामाजिक और धार्मिक हैं । सभी प्रकार के उत्सवों पर गाए जा सकते हैं । पुस्तक अपने ढङ्ग की सबसे निराली है । पुस्तक की छपाई-सफाई बहुत ही आकर्षक एवं सुन्दर है । पार्ट पेपर पर छपी हुई इस पुस्तक का मूल्य ६) और साधारण संस्करण का ३॥)। उज्ज्वल-वाणी [ श्री रत्नकुमार 'रत्नेश' साहित्य रत्न, शास्त्री ] प्रस्तुत पुस्तक में महासती श्री उज्ज्वलकुमारीजी के प्रोजस्वी एवं क्रान्तिकारी प्रवचनों का बहुत ही सुन्दर संकलन और सम्पादन हुआ है । सतीजी स्थानकवासी समाज की एक परम विदुषी और प्रौढ विचारशीला साध्वी हैं । आपके प्रवचनों में स्वाभाविक वाणी का प्रवाह, सुप्त-समाज को प्रबुद्ध करने का विलक्षण प्रभाव और उच्च विचार विद्यमान हैं । जीवन को समाजोपयोगी, पवित्र, उन्नत, और सुखी बनाने के लिए यह पुस्तक अापके पथ प्रदर्शन का काम करेगी। इस पुस्तक में राष्ट्रीय, समाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक प्रवचनों For Private And Personal

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