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जे नो | जे नो । जे नाणु करति कारवंति मोयंति
( २१ ) अठारह हजार शीलाङ्ग रथ
।
६.....
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मणसा] वयसा कायसा २.... | २.... | २....
निजिया | निजिया | निजिया | निजिया
जे नो करेंति मणसा, निजियाहारसन्ना सोइंदिए; पुढवीकायारंभे, खंतिजुश्रा ते मुणी वंदे ।
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हारसन्ना | भयसन्ना महुणसन्ना मन्त्रा ५००
| ५०० | ५०० | ५००
श्रमण सूत्र
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श्रोत्रेन्द्रिय
चन्तु घाणेन्द्रिय रसनेन्द्रिय १०० र
| रिन्द्रिय | १००
१००
स्पर्शनेन्द्रिय १००
पृथिवी
अप
।
तेज
| वायु | वनस्पति द्वीन्द्रिय | त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय पञ्चन्द्रिय
१०
१० । १०
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क्षान्ति | मुक्ति | आजव | मार्दव | लाघव | सत्य
संयम
तप | ब्रह्मचर्य अकिंचन |