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२४ अनुयोगद्वार
२० प्रामृत -
१४ वस्तु -
४ चौथा वेवनाखंड
५ पांचवां वर्गणाखंड
१ बन्ध
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पांचवां वर्गणाखंड निकला है । बन्धन अनुयोगद्वारके तीसरे बन्धकभेदसे दूसरा खंड खुद्दाबन्ध छठे अनुयोगद्वारके चार भेदोंमेंसे प्रथम भेद बन्धसे तथा तीसरे, चौथे और पांचवें अनुयोगद्वारसे पहले और दुसरे अनुयोगद्वारसे प्रस्तुत षट्खण्डागमका चौथा वेदना खंड निकला है । बन्धननाम
ऊपरकी संदृष्टि से स्पष्ट है कि चौथे कर्मप्रकृतिप्राभृतके जो २४ अनुयोगद्वार हैं, उनमेंसे
२ बन्धनीय
छक्खंडागम
कृति 1२ वेदना (३ स्पर्श
१पहला प्राभूत - १ पूर्वान्त -२४ कर्म (५ प्रकृति
२ दूसरा प्राभृत - २ अपरान्त ।
३ तीसरा प्राभूत - ३ ध्रुव -{६ बन्धन
-१४ चौथा कर्मप्रकृति, ७ निबन्धन
४ अध्रुव ५ पांचवा प्राभत --{५ चयनलब्धि ८ प्रक्रम
६ छठा प्राभत - ६ अघोपम ९ उपक्रम
७ सातवां प्राभत - ७ प्रणिधिकल्प १० उदय
८ आठवा प्राभृत - ८ अर्थ । ११ मोक्ष
९ नववा प्राभृत - ९ भौम १२ संक्रम
| १० दशवां प्राभृत -[ १० व्रतादिक १३ लेश्या १४ लेश्याकर्म
... ११ ग्यारहवां प्राभृत- ११ सर्वार्थ
१२ बारहवां प्राभृत-1 १२ कल्पनिर्याण १५ लेश्या परिणाम -
१३ तेरहवां प्राभत - १३ अतीतसिद्धबद्ध १६ सातासात १७ दीर्घ हृस्व
| १४ चौदहवां प्राभृत -[ १४ अनागतसिद्ध - १८ भवधारणीय
| १५ पंद्रहवां प्राभृत -
| १६ सोलहवां प्राभृत-] २० निधत्तानिधत्त - २१ निकाचितानिकाचित १८ अठारहवां , - २२ कर्मस्थिति -
१९ उन्नीसवां , - २३ पश्चिमस्कन्ध - २० बीसवां , - २४ अल्पबहुत्व
1 । । । । । । । । । । । । । ग्रन्थका कौनसा खण्ड निकला है, इसके लिए निम्नलिखित संदृष्टि देखिए
द्वितीय अग्रायणी पूर्व प्राभृतोंमेंसे चौथे कर्मप्रकृतिप्राभृतके २४ अनुयोगद्वारोंमेसें किस प्रकार किस अनुयोगद्वार से प्रस्तुत भेद पूर्वगत के चौदह भेदोंमेंसे दूसरे अग्रायणीय पूर्वकी १४ वस्तुओंमेंसे पांचवीं चयनलब्धिके २० द्वादशाङ्गश्रुतकें बारहवें दृष्टिवाद अंगके जो पांच भेद बतलाये गये हैं, उनमेंसे चौथे
षट्खण्डागमका उद्गम
२ दूसरा खुद्दाबंध
३ बन्धक
१९ पुद्गलात्म
१७ सत्रहवां प्राभृत
६ छठा महाबन्ध
४ बन्धविधान
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