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पाली और पल्लीवाल जोधपुर--मारवाड़ जंकशन- रेल्वे लाइन पर पाली एक प्रसिद्ध व्यापारिक नगर है। राजस्थान के प्रसिद्ध व्यापारिक कला-कौशल वाले नगरों में पाली को आज भी गणना है । ठीक एक सहस्र वर्ष पूर्व भी पाली राजस्थान के प्रसिद्ध व्यापारिक नगरों में प्रसिद्ध था और मारवाड़ के भीनमाल, जाबालिपुर और प्रोसियाँ जैसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरों को समृद्धता एवं सम्पन्नता में इससे स्पर्द्धा थी। इतना ही नहीं पाली का व्यापार अरब अफ्रीका, ईरान, अफगानिस्तान, तुर्क,यूरोप, तिब्बत आदि पश्चिमीउत्तरीय प्रदेशों के संग भी बड़े पैमाने पर चलता था और राजस्थान, मालवा, दोयाब, मध्य प्रदेश, गुर्जर भूमियों में पाली के व्यापारी भारी प्रतिष्ठा के साथ व्यापार विनिमय करते थे। जालोर के जालोरी, श्रीमालपुर के श्रीमाली प्राग्वाट देशीय प्राग्वाट पोरवाल उपकेशपुर प्रोसियाँ के प्रोसवाल, बघेरा के बघेरवाल, मेड़ता के मेड़तवाल, नागौर के नागौरी, जैसे अन्य स्थानों एवं भिन्न प्रान्तों एवं विदेशों में, स्थानो के नामों से संबोधित किये जाते थे; पाली के व्यापारी अथवा निवासी भी पालीवाल पल्लीवाल, पल्लकीय विशेषणों से पुकारे जाते थे। - पाली नगर का पल्लीवाल गच्छ और पल्लीवाल जाति का परस्पर संबंध ‘पाली' शब्द की समानता पर तो ध्वनित होता
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