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पल्लीगच्छ अथवा पल्लीवाल गच्छीय
आचार्य-साधुप्रतिष्ठित
प्रतिमा लेख पाली में पूर्णभद्र वीर जिनालय की महावीर एवं आदिनाथ प्रतिमाओं पर वि० सं० ११४४ और ११५१ के लेख हैं। जिनमें 'पल्लीकीय प्रद्योतनाचार्यगच्छे', पद का प्रयोग हुआ है। अभयदेवमूरि-सं० १३८३ माघ शु० १० सोम० (जै० धा०
प्र० ले० भा० २ ले० ८६६) प्रामदेवसूरि -सं० १४३५ फा० शु० २ शुक्र (प्रतिष्ठा ले०
संग्रह-विनयसागरजी ले०१६२ ) शांतिसूरि -सं० १४५३ वै० शु० २ , ले० १७७
-सं० १४५६ माघ शु० १२ शनि (नाहटा संग्रह) -सं० १४५८ फा० कृ० ११ शुक्र (प्र० ले० सं०
विनय० ले० १८३) -सं० १४५८ फा० कृ० १ शुक्र० (?) (पट्टावली
समुच्चय पृ० २०५) " -सं० १४६२ माव कृ० ४ ( जैन लेख संग्रह
नाहर ले० २४७८)
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