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१७३ के शिलालेख आज भी उपलब्ध हैं ' इत्यादि प्रमाणों से पाली की प्राचीनता में किसी प्रकार के संदेह को स्थान नहीं मिलता है।
___ व्यापार की दृष्टि से देखा जाय तो भारतीय व्यापारिक नगरों में पाली शहर का मुख्य स्थान था। पूर्व जमाने में पाली शहर व्यापार का केन्द्र था। बहुत जत्था बन्द माल का निकाश, प्रवेश होता था, यह भी केवल एक भारत के लिये ही नहीं था पर भारत के अतिरिक्त दूसरे पाश्चात प्रदेशों के व्यापारियों के साथ पाली शहर के व्यापारियों का बहुत बड़े प्रमाण में व्यापार चलता था । पाली में बड़े बड़े धनाढ्य व्यापारी बसते थे और उनका व्यापार विदेशों के साथ तथा उनकी बड़ी-बड़ी कोठियां थी ? फारस, अरब, अफ्रीका, चीन, जापान, मिश्र, तिब्बत वगैरा प्रदेश तो पाली के व्यापारियों के व्यापार के मुख्य प्रदेश माने जाते थे।
___ जब हम पट्टावलियों, वंशावलियों आदि ग्रंथों को देखते हैं तो पता चलता है, कि पाली के महाजनों की कई स्थानों पर दूकाने थीं और जल एवं थल मार्ग से पुष्कल माल प्राता जाता था और इस व्यापार में वे बहुत मुनाफा भी कमाते थे। यही कारण था कि ये लोग एक धर्म कार्य में करोड़ों द्रव्य व्यय कर डालते थे। इतना ही क्यों पर उन लोगों की देश एवं जाति भाइयों के प्रति इतनी वात्सल्यता थी कि पाली में कोई स्वधर्मी एवं जाति भाई
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