Book Title: Pallival Jain Itihas
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Nandlal Jain Pallival Bharatpur

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Page 194
________________ पल्लीवाल गच्छ-साहित्य १-महेश्वरसूरिकृतं 'कालिकाचार्य कथा-सं० १३६५' । २-प्रामदेवसूरिकृत 'प्रभावक चरित्र' । ३-शांतिसूरि कृत 'विधि करण शतक' । ४-नन्नसूरिकृत 'श्रीमंधर जिन स्तवन' । ५-महेश्वरसूरि कृत 'विचारसार प्रकरण' । ६-अजितदेवसूरिकृत 'कल्पसूत्रदीपिका'-सं० १६२७ । 'उत्तराध्ययन टीका' सं० १६२६ 'प्राचारांगदीपिका' 'पाराधना' 'चन्दनवालावेलि पत्र ३ 'चौवीश जिनावली' गाथा २५ ७-- उपरोक्त अजितदेव के शिष्य हीरानन्दकृत 'चौवोली चौपई और भी १-२ यतिकृत २-४ छोटे-छोटे स्तवनादि पट्टावली वाले गुटके में हैं। नोट--उपरोक्त कृतियों की सूची श्री नाहटा जी ने अपने लेख 'पल्लीवालगच्छ पट्टावली' में दी हैं। प्रात्मानन्द अर्धशताब्दि ग्रंथ । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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