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१५१ कुछ ही वर्षों में वह क्लब सर्वत्र एवं समस्त ज्ञाति की एक प्रतिनिधि सभा का रूप ग्रहण कर गया। अब यह प्रतीत होने लगा कि इसको 'पल्लीवाल महा समिति का रूप दे दिया जाय और बड़े पैमाने पर जाति सुधार के कार्य किये जावें।
जैन पल्लोवाल कान्फरेन्स __ क्लब की अन्तिम बैठक आगरा के नसिया जी में ज्ये० कृ० ७ वि० सं० १९७७ को लाला चिरंजीलाल जी के सभापतित्व में हुई । मा० कन्हैयालालजी इस सभा के कोषाध्यक्ष एवं बाबू श्यामलालजी बी० ए० स्वागताध्यक्ष थे । दूर २ के स्त्री , पुरुष लगभग १०००-१२०० की संख्या में उपस्थित हुए थे । कई सुधार सम्बंधी प्रस्ताव स्वीकृत हुए। विशेष उल्लेखनीय प्रस्ताव यह था कि मुरेना मध्य-भारत के पल्लीवाल बंधुओंसे कन्या व्यवहार प्रारम्भ किया जाय । इस उद्देश्य की पूर्ति में एक समिति ला.भिकरीमलजी ला० दौलतरामजी, सूरजभानुजी, चन्द्रभानुजी इन चार सदस्यों की विनिर्मित की गई और उन्हें मुरेना के पल्लीवालों के गोत्र, नख, धर्म सम्बधी विवरण तुरन्त तैयार करके सभा के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया।
द्वितीय उल्लेखनीय प्रस्ताव के अनुसार मुरेना, मौजपुर, आगरा, भरतपुर, हिंडौन, जयपुर , मण्डावर में सभा की शाखायें खोली गई और उनके मंत्री, कोषाध्यक्ष नियुक्त किये गये।
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