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सर्व सम्मति से क्लब को पल्लीवाल जैन कॉन्फरेन्स का नाम दे दिया गया और आगामी अधिवेशन तक सभा के सभापति मा० कन्हैयालालजी सर्व सम्मति से चुने गये । यह कान्फरेन्स का प्रथम अधिवेशन था । आगे सभा के कुछ महत्व पूर्ण अधिवेशनों के सम्बंध में परिचय दिया जा रहा है ।
महत्वपूर्ण द्वितीय अधिवेशन
सन १६२५ के नवम्बर २५ को अछनेरे में सभा का द्वितीय अधिवेशन हुआ । उसमें मुरेना मध्य भारत के पल्लीवाल बंधु भी सम्मिलित हुए । लगभग दूर २ के ४६ ग्राम, नगरों से स्त्री, पुरुष आकर सम्मिलित हुए। जांच समिति का विवरण पढ़कर लाला दौलतरामजी ने सुनाया । सर्व सम्मति से मुरेना मध्यभारत के पल्लीवाल बंधुओं के साथ कन्या व्यवहार प्रारम्भ कर देने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ ! पंडित चिरंजीलालजी को ज्ञाति भूषण की उपाधि प्रदान की गई । विवाहों में वेश्यानृत्य बन्द किया गया आदि कई बड़े महत्त्व पूर्ण प्रस्ताव स्वीकृत हुए । सभा पंडित चिरंजीलालजी के सभापतित्व में हुई थी ।
महत्वपूर्ण तृतीय अधिवेशन
यह अधिवेशन फिरोजाबाद में राय साहब कल्याणरायजी सभापतित्व में सन् १९३३ मार्च १८ वि० सं० १९८६ चं० कृ०
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