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मास्टर कन्हैयालाल एम० ए० और उनका वंश
विक्रमीय बीसवीं शताब्दी के
प्रारंभ में बरारा नामक ग्राम में लाला भैरूलाल जी सलावदिया गौत्रीय पल्लीवाल रहते थे। इनकी स्त्री का नाम कुन्दादेवी था । श्र ेष्ठी भैरूलाल जी बड़े धर्मनिष्ठ, दयालु एवं सदाचारी थे । कुन्दादेवी भी साध्वी स्त्री थी । इनके क्रमशः तीनपुत्र निहालचन्द्र वि० सं० १९१७, में भेदिलाल वि० सं० १६२१ और कन्हैलाल हुए । कन्हैयालाल का जन्म वि० सं० १६२५ तदनुसार मास सितम्बर सन् १८६६ में बरारे में ही हुआ । श्रष्ठि भैरूलाल रुई, किराणा का व्यापार करते थे । एक वर्षं यह नाव में रुई भरकर नदी
पार करके गाजीपुर ले जा रहे थे । अकस्मात् नाव में अग्नि लग गई और समस्त रुई जल गई। ये कठिनता से
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