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का मात्र नाम परिचय ही हो सका है। परन्तु इतना सुस्पस्ट है कि पल्लीवाल ज्ञाति द्वारा कारित एवं प्रतिष्ठित श्वेताम्वर प्रतिमाओं से पल्लीवाल अपेक्षाकृत श्वेताम्बरीय प्राचीनतर सिद्ध होते हैं।
श्वेताम्बरीय पल्लीवाल गच्छ पल्लीवाल- ज्ञाति का प्रति बोधक माना जाता है और अगर नहीं भी माना जाय तो भी पल्लीवाल ज्ञाति जैन श्रावकत्व सम्बंधी प्राचीनतम प्रमाण श्वेताम्बरीय ही उपलब्ध होते हैं; अतः मेरे विचार से पल्लीवाल ज्ञाति प्रारंभ में श्वेताम्बर थी और अब श्वेताम्बर मूर्ति पूजक, स्थानकवासी और दिगंबर तथा वैष्णव मतानुयायी भी है।
पल्लीवाल ज्ञाति द्वारा विनिर्मित कई जैन मंदिर हैं जो भारत के विभिन्न भाग विशेषतः राजस्थान, संयुक्त प्रदेश, मालवा, और मध्य भारत में हैं। उनकी यथा प्राप्त सूची नीचे दे
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भरतपुर
जयपुर खंडीप हिंडौन
डीग
कुम्हेर व्याना
अलवर मौजपुर हरसारणा अलवर वन्दोखर समोची
शेरपुर
झारेड़ा कर्मपुरा
समराया
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