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उपरोक्त वंशावलि में श्री सालगराम जी के पुत्र श्री चन्द्रभान जी और श्री माधोलाल जी के दत्तक पुत्र श्री रमनलाल जी इस परिवार के मुख्य व्यक्ति हैं। आपलोगों ने अपने परिवार के श्री पदमसिंह, श्री गोवरधनसिंह और श्री गिरवरसिंह के स्वर्गवास पर उनकी स्मृति में एक पुख्ता मकान जो कीमत में आठ हजार का था, बेचकर उस द्रव्य को भरतपुर के जती मोहल्ला स्थित श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर में मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी की संगमरमर की वेदी में तथा महावीर भवन में एक धर्मशाला बनवाने में लगाया है।
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