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श्र० छीतरमल और वंशीधर - राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से थे । छीतरमल जी ने एक बड़ा सुन्दर बाग लगवाया था जो आज भी विद्यमान है । इस बाग में छीतरमल जी की छतरी बनी हुई है । यह छतरी ' बाग वाले बाबा' के नाम से विख्यात है । इस कुल के लोग उसकी आज भी पूजा करते हैं ।
श्र े० जवाहलाल जी - श्र० हरदेवसिंह के पुत्र हीरालाल, जवाहर लाल और चिम्मनलाल जी थे । हीरालाल जी के गेंदा लाल जी बड़े योग्य पुत्र हुए। हीरालाल जी ग्रफीम बहुत खाते थे । सर्प तक का विष उन पर असर नहीं कर सकता था । श्रे० जवाहरलालजी और सुन्दरलालजी में कुछ कारणों पर वैमनस्य उत्पन्न हो गया और तभी से इस कुल में दो दल उत्पन्न होकर ह्रास और व्यापार में हानि प्रारम्भ हुई ।
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