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गिदोरिया,
૪૨
भोवार,
माईमूड़ा,
गुवालियर ।
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५२
वैसे तो समस्त पल्लीवाल ज्ञाति एक वर्ग हैं, परन्तु विभिन्न भागों में, राज्यों में विभाजित हो जाने के कारण और सहज यातायात के साधनों के प्रभाव और प्रान्त, प्रदेशों की दूरी के कारण परस्पर का सम्बन्ध स्थगित हो गया और परिणाम यह आया कि छीपी पल्लीवाल, मुरेना मध्य प्रदेश के पल्लीवाल और शेष बड़े भाग के पल्लीवालों में भोजन व्यवहार एवं कन्याव्यवहार बन्द हो गये। दोनों ओर नवीन गोत्रों की उत्पत्ति से अन्तर गहराई को पहुँच गया । कच्छ, काठियावाड़, सौराष्ट्र, गुर्जर प्रदेशों में बसे हुए पल्लीवाल तो सदा के लिये ही दूर हो गये और उनको अपने गोत्र भी स्मरण नहीं रहे ।
छीपापल्लीवाल गोत्र
१ अकबरपुरिया
२ अगरैय्या
३ औरंगावादी
४ कठमत्या
५ कठोरिया
६ करोड़िया
७
करोनिया
८ काश्मेरिया
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मुरेना- मध्य प्रदेश के पल्लीवाल गोत्र
१ कायरे
२ काश्मेरिया
३ खेरोनिवाल
४ खोहवाल
५. खैर
६ गुदिया
७
८
ग्वालियरे
चौमुण्डा ( चौखम्बार )
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