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धेष्ठि होलण, कडूया और श्राविकामोल्ही ने अपने भ्राता उदा के श्रेयार्थ श्री पार्श्वनाथ-बिम्ब करवाया । तथा. भीमपल्ली* में धर्म देशना श्रवण करके श्राविका कर्पूरदेवी ने स्वयार्थ 'शतपदी' नामक पुस्तक की प्रति वि० सं० १३२८ आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पत्तन में ठ० वयजापुत्र ठ० सामंतसिह से लिखवा कर वाचनार्थ अर्पित की।
श्रेष्ठि लाषण का वंश वृक्ष
श्राविका मोल्ही का पितृवंश
..
लापरण
वारय
साल्हड़ (सुहवदेवी) पालूघ राहुल वीरदेव (वीरमती अथवा मोल्ही)।
कडूया मोल्ही उदा रूपिणी गुणपाल (गउरदेवी) .
[करदेवी, कर्मदेवी)
| होलण
धांधलदेवी झांझण गुणदेव पुण्यपाल वनीतला
१. प्र० सं० प्र० १६३. पृ० ६४. २. जै० पु० प्र० सं० प्र० १११ पृ०६७-६८.
भीमपल्ली वर्तमान में भीलड़ी नामक ग्राम जोडीसा केम्प से १६ मील पश्चिम में है।
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