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नाम की तीन पुत्रियां थीं। प्रासचन्द्र की पत्नी जयतलदेवी थी और अमरसिंह आदि इनके पुत्र थे । चंपलता के मल्लसिंह नामक पुत्र था। * धांधल की पत्नी धांधलदेवी थी । इनके सोम नाम का पुत्र था। सोम की स्त्री सहजलदेवी थी।
इस प्रकार कुमरदेवी पुत्र,पौत्र प्रपौत्र एवं वधू, प्रवधूत्रों के सुखसभोग से महा भाग्यशालिनी स्त्री थी। धर्म एवं समाज के प्रति भी उसके वैसे ही सेवा एवं उदार भाव थे। जिनप्रभसूरि के उपदेश से कुमरदेवी ने चतुर्थ प्रतिमा (व्रत विशेष ) ग्रहण किया तथा औपपातिक-राजप्रश्नीय सूत्रद्वय पुस्तक लिखवाई और स्वश्रेयार्थ प्रागमगच्छीय श्रीत्नसिंहसूरि के सूरि, उपाध्याय एवं 'साधुओं के व्याख्यानार्थ उसको अर्पित की।
वंशवृक्ष अरिसिंह (कुमर देवी )
अंजयसिंह अभयसिंह (नायिकी )प्रामकुमार ( धनदेवी ) धांधल • (हीरु.गउरी)
| (धांधल देवी)
वील्हण सांगण अाल्हणसिंह सोहगा (पुत्री) | सोम(सहजला (हांसला)सुहागदेवी) (माल्हरगदेवी) ।
संग्राम
- झांझ - बडू
प्रासचन्द्र आजड़ चंपलता महणदेवी सुहवा (जयतलदेवी) ।
अमरसिंह मल्लसिंह | ..... जै० पु० प्र० सं० प्र० ६०. प्र० ६०.
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