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पल्लीवाल ज्ञातोय श्रेष्ठि साल्हा
और उसका प्रसिद्ध कुल विक्रमीय तेरहवीं शताब्दी के अर्ध भाग में स्तम्भनपुर में श्रेष्ठि प्राभू नामक पल्लीवाल ज्ञातीय रहता था। उसके वीरदेव नाम का एक पुत्र था । वीरदेव के दो पुत्र महणसिंह और बीजा (विजयसिंह ) हुए। ___ ज्येष्ठ पुत्र महणसिंह का विवाह महणदेवी से हुआ । इनके राणिग, वइरा और पूना (पूनमचन्द्र ) तीन पुत्र हुए । राणिग का पुत्र झांझण था। झांझण के चार पुत्र थे सलषा, विज (य) पाल, निरया और जेसल । सलषा के खीमसिंह, विजयपाल के जयसिंह और नरसिंह और तृतीय पुत्र निरिया के, उसकी नागलदेवी नामा स्त्री से लखमसिंह, रामसिंह और गोवल तीन पुत्र रत्न हुए। ____वीरदेव के कनिष्ठ पुत्र बीजा की स्त्री श्रीदेवी नामा से कुमारपाल भीम और मदन नाम के तीन पुत्र उत्पन्न हुए । कुमारपाल का वंश नहीं चला । संभव है वह अविवाहित अथवा बालवय में ही स्वर्ग सिधार गया हो । भीम की स्त्री कर्पू रदेवी थी। मदन का विवाह सरस्वती नामक कन्या से हुआ था और उसके देपाल नामक पुत्र था।
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