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- पल्लीवालज्ञातिय श्रे तेजपाल _ वि० सं १२६५ भाद्र० शु० ११ रविवार को स्तम्भतीर्थ में महामण्डलेश्वर वीसलदेव के राज्य-काल में श्रीविजयसिंह दण्डनायक के प्रशासन में सण्डेरगच्छीय गणि प्रासचन्द्र के शिष्य पं० गुणाकर के अनुरागी श्रावक सौवणिक पल्लीवाल ज्ञातीय ठा० विजयसिंह पत्नी ठा० सलषणदेवी के पुत्र जस (राज) और तेजपाल ने आत्मश्रेयार्थ श्री योग शास्त्र (३ प्र०) ठ० रतनसिंह से लिखवाकर अपित किया ।*
१. २. *
जै० पु० प्र० सं० प्र० २७ पृ० २६ प्र० सं० पृ० १६ प्र० २३. । प्र० स० पृ० १३ प्र. १३५०
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