________________
३०
३१ सकटिया
३२ सैंगर वासिया
३३ हतकतिया
३१ समल
३२ सलावदिया
३३ सारग डग्या
३४ साले
३५ सैंगर वासिया
पल्लीवाल महासमिति की बैठक जो वि० सं० १९८२ कार्तिक शु० १४ तदनुसार सन् २५ / १७ नम्बर को अछनेरा में हुई थी उसमें ४६ ग्राम, नगरों के प्रतिनिधियों की सर्वसम्मति से मुरेनामध्य भारत के पल्लीवाल बन्धुनों को भोजन एवं कन्या व्यवहार में सम्मिलित किया गया था । इसके पश्चात् मुरेना एवं मध्यभारत के पल्लीवाल बन्धुत्रों ने आगरे के प्रतिष्ठित सज्जन पंडित चिरंजीलाल के सभापतित्व में मुरेना में सम्मेलन करवाया और उसमें लगभग २०० दो सौ ग्रामों के प्रतिनिधि उपस्थित थे । भारी समारोह के मध्य भोजन एवं कन्या व्यवहार वत्तव की पुनः पुष्टि की गई । सन् १९३३ फिरोजाबाद के अधिवेशन में 19 छीपा - पल्लीवालों के साथ भोजन कन्या व्यवहार चालू करने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था । आमिया और आमेश्वरी गोत्रीय
९. ' पल्लीवाल जैन; आगरा, सन् १९४१ अप्रैल ।
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org