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(८) तारंगातीर्थ-श्री अजितनाथ मन्दिर के गूढ़मण्डप में . आदिनाथ प्रतिमायुक्त एक गवाक्ष ।
(६) अपहिल्लपुर पत्तन-हस्तिबाव के निकट के श्री सुविधिनाथ मन्दिर का जीर्णोद्धार और उसमें भ० सुविधिनाथ का नवीन बिम्ब ।
(१०) बीजापुर-एक जिनालय में दो देवकुलिका और उन दोनों में भ० नेमिनाथ और भ० पार्श्वनाथ के अलग अलग . बिम्ब ।
(११) बीजापुर-उक्त जिनालय के मूलगर्भगृह में दो कवलीखत्तक-गवाक्ष और उनमें एक में आदिनाथ और एक में मुनि सुब्रत बिम्ब।
(१२) लाटापल्ली-सम्राटकुमारपाल निर्मित श्री कुमारविहार में जीर्णोद्धारकार्य और श्री पार्श्वनाथ प्रतिमा के सन्मुख के मण्डप में भ० पार्श्वनाथ बिम्ब और एक गवाक्ष ।
(१३) पहलादनपुर (पालणपुर) श्री पाल्हण विहार में श्री चन्द्रप्रभस्वामी के मण्डप में दो गवाक्ष ।
(१४) पहलादनपुर-उक्त विहार-जिनालय में ही श्री नेमिनाथ बिम्ब के आगे के मण्डप में श्री महावीर प्रतिमा।
उपरोक्त सर्व तीर्थ, मन्दिर, नगर सम्बन्धी सर्व कार्य नेमड़, जयदेव, सहदेव और उनके पुत्रों ने समुदाय रूप से करवायें है और नागेन्द्रगच्छीय श्री विजयसेन सूरि-जी ने प्रतिष्ठा कार्य किया
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