Book Title: Nisihajjhayanam
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Srutayashashreeji Sadhvi
Publisher: Jain Vishva Bharati
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आमुख
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निसीहज्झयणं अपवादों और आमार्जन प्रमार्जन आदि में ध्यातव्य यतना का निर्देश दिया है। इस सम्पूर्ण प्रकरण को पढ़ने से अनेक आध्यात्मिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं चैकित्सिक (चिकित्सा-सम्बन्धी) विषयों की जानकारी उपलब्ध होती है।
प्रस्तुत उद्देशक के अन्तिम आलापक का सम्बन्ध परिष्ठापनिका समिति से है। भिक्षु किस स्थान पर एवं कब परिष्ठापन न करे, अस्थान में परिष्ठापन करने से किन दोषों की संभावना रहती है, एतद्विषयक अपवाद क्या-क्या हैं? – इत्यादि विषयों की सम्यक् जानकारी के लिए भाष्य एवं चूर्णि सहित प्रस्तुत आलापक मननीय है।