Book Title: Nisihajjhayanam
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Srutayashashreeji Sadhvi
Publisher: Jain Vishva Bharati
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उद्देशक ४: सूत्र ९-१६
७४
निसीहज्झयणं
अच्चीकरेंतं वा सातिज्जति।।
अर्चीकुर्वन्तं वा स्वदते।
है अथवा अर्चा करने वाले का अनुमोदन करता है।
९. जे भिक्खू णगरारक्खियं
अच्चीकरेति, अच्चीकरेंतं वा सातिज्जति॥
यो भिक्षुः नगरारक्षितम् अर्चीकरोति, ९. जो भिक्षु नगर के आरक्षक की अर्चा करता अर्चीकुर्वन्तं वा स्वदते ।
है अथवा अर्चा करने वाले का अनुमोदन करता है।
१०. जे भिक्खू णिगमारक्खियं यो भिक्षुः निगमारक्षितम् अर्चीकरोति, १०. जो भिक्षु निगम के आरक्षक की अर्चा अच्चीकरेति, अच्चीकरेंतं वा अर्चीकुर्वन्तं वा स्वदते ।
करता है अथवा अर्चा करने वाले का सातिज्जति॥
अनुमोदन करता है।
११. जे भिक्खू देसारक्खियं यो भिक्षुः देशारक्षितम् अर्चीकरोति, ११. जो भिक्षु देश के आरक्षक की अर्चा करता अच्चीकरेति, अच्चीकरेंतं वा अर्चीकुर्वन्तं वा स्वदते ।
है अथवा अर्चा करने वाले का अनुमोदन सातिज्जति॥
. करता है।
१२. जे भिक्खू सव्वारक्खियं यो भिक्षुः सर्वारक्षितम् अर्चीकरोति, १२. जो भिक्षु सर्वआरक्षक की अर्चा करता है अच्चीकरेति, अच्चीकरेंतं वा अर्चीकुर्वन्तं वा स्वदते।
अथवा अर्चा करने वाले का अनुमोदन करता सातिज्जति॥
अत्थीकरण-पदं
१३. जे भिक्खू रायं अत्थीकरेति,
अत्थीकरेंतं वा सातिज्जति॥
अर्थीकरण-पदम्
अर्थीकरण-पद यो भिक्षुः राजानम् अर्थीकरोति, १३. जो भिक्षु (अपना विद्यातिशय प्रदर्शित अर्थीकुर्वन्तं वा स्वदते।
कर) राजा को अपना प्रार्थी बनाता है अथवा प्रार्थी बनाने वाले का अनुमोदन करता है।
१४. जे भिक्खू रायारक्खियं यो भिक्षुः राजारक्षितम् अर्थीकरोति, १४. जो भिक्षु (अपना विद्यातिशय प्रदर्शित अत्थीकरेति, अत्थीकरेंतं वा अर्थीकुर्वन्तं वा स्वदते।
कर) राजा के आरक्षक को अपना प्रार्थी सातिज्जति॥
बनाता है अथवा प्रार्थी बनाने वाले का अनुमोदन करता है।
१५. जे भिक्खू णगरारक्खियं यो भिक्षुः नगरारक्षितम् अर्थीकरोति, १५. जो भिक्षु (अपना विद्यातिशय प्रदर्शित अत्थीकरेति, अत्थीकरेंतं वा अर्थीकुर्वन्तं वा स्वदते।
कर) नगर के आरक्षक को अपना प्रार्थी सातिज्जति॥
बनाता है अथवा प्रार्थी बनाने वाले का अनुमोदन करता है।
१६. जे भिक्खू णिगमारक्खियं
अत्थीकरेति, अत्थीकरेंतं वा सातिज्जति॥
यो भिक्षुः निगमारक्षितम् अर्थीकरोति, १६. जो भिक्षु (अपना विद्यातिशय प्रदर्शित अर्थीकुर्वन्तं वा स्वदते ।
कर) निगम के आरक्षक को अपना प्रार्थी बनाता है अथवा प्रार्थी बनाने वाले का अनुमोदन करता है।