Book Title: Nisihajjhayanam
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Srutayashashreeji Sadhvi
Publisher: Jain Vishva Bharati
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निसीहज्झयणं
४८९
परिशिष्ट-१:शब्द : अनुक्रम /पुंछ ४/११२
पोरिसी १२/३१,१९,१३ पुंछंत ४/११२,११३
पोसंत (दे.)६/१४-१८ /पुच्छ १९/९
फरुस २/१८; १०/२,३; १३/१४,१५; १५/२,३ पुच्छंत १९/९,१०
फल १४/३४; १८/६६ पुच्छा १९/९,१०
फलमालिया ७/१-३; १७/३-५ पुढवि ७/६८-७२, १३/१-५; १४/२०-२४; १६/३४,४१- फलवीणिया ५/४५,५७ ४५:१७/१२८;१८/५२-६६
फलिहा १२/१८; १३/११; १४/३०; १६/५१; १७/१४०; १८/ पुढवीकाय १२/८; १४/३१; १८/६३
६२ पुण ९/१२
फलोवय ३/७९ पुणो ४/२२
फाडिग ७/१०-१२, १७/१२-१४ पुण्ण १८१८
फाणिय १३/३७ पुप्फ १४/३४; १८/६६
फालिय १/५०-५२ पुप्फमालिया ७/१-३; १७/३-५
फिहय (दे.) १८/१४ पुप्फय (दे.) २/४३
Vफुम (दे.) ३/२१ पुप्फवीणिया ५/४४,५६
Vफुमाव (दे.) १५/१८ पुप्फोवय ३/७९
फुमावेत (दे.) १५/१८,२४,३०,४६,५२,६१, १७/२०,२६,३२, पुरओ ८/११
४८,५४,६३,७४,८०,८६,१०२,१०८,११७ पुरिस १२/२९; १७/१५१
फुमित्ता (दे.) १७/१३२ पुरेकम्मकड १२/१५
फुमेंत (दे.) ३/२१,२७,३३,४९,५५,६४,५/५९,६५,७१,८७, पुरेसंथव २/३७
९३,१०२; ६/३०,३६,४२,५८,६४,७३; ७/१९,२५,३१, पुरेसंथुय २/३८
४७,५३,६२; ११/१६,२२,२८,४४,५०,५९, १५/१०४, पुलिंदी ९/२९
११०,११६,१३२,१३८,१४७ पुव्व १९/८
बंधण १/४६ पुव्वामेव २/३८,४७; ४/२१
बंभचेर १९/१७ पुव्विं २०/१५
बद्दलियाभत्त ९/६ पूय ३/३५-३९; ४/७३-७७; ६/४४-४८; ७/३३-३७; ११/ बद्धीसग (दे.) १७/१३७ __ ३०-३४; १५/३२-३६,११८-१२२; १७/३४-३८,८८-९२ बद्धेल्लय १२/२; १७/२ पूरिम १२/१७
बब्बरी ९/२९ पेस (दे.) ७/१०-१२; १७/१२-१४
बल २/२९ पेसलेस (दे.) ७/१०-१२; १७/१२-१४
बलभत्त ९/६ पेहाए २/५१
बहली ९/२९ पेहाय १८/१६
बहिया २/४०; ९/१०,१३,१४ पोंड ३/७०, ५/२४
बहियावासिय १०/१३ पोग्गल ७/८१,८२
बहु २/४४ पोत्थकम्म १२/१७
बहुदेवसिय १४/१३,१५,१७,१९,१८/४५,४७,४९,५१ पोयपोसय ९/२३
बहुसो २०/६-१०,१२,१४-१८ पोराण ४/२५
बालमरण ११/९३
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