Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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आदित्यगति
आनदिनी
आदित्यति-राक्षसवश १३३८ अ। आदित्यनगर-१.२४५ अ, विद्याधर नगरी ३.५४५ब। आदित्यप्रभ-१२५अ । आदिधन-१.२४५ अ, श्रेणी गणित २.२२६ ब । आदिनाथ–१२४५ ब, तीर्थकर २३७८, केशलोंच
२१७० अ. ऋषभनाथ १४५७ ब । आदिनाथ जयन्ती व्रत --१.२४५ ब । आदिनाथ निर्वाणोत्सव व्रत-१२४५ ब । आदिनाथ शासन जयन्ती व्रत-१.२४५ ब । आदिपुराण-१२४५ब। इतिहास-प्र० १.३४३ अ,
द्वि० १.३४५ ब, त०१३३४ अ। आदिपुरुष-१.२४५ ब, ऋषभनाथ १४५७ ब । आदिब्रह्मा-१.२४५ ब, ऋषभनाथ १४५७ ब। आदिमान-३.३१ ब। आदिलिंगव्यभिचार-शब्दनय २५३७ ब । आवेयनाम कर्मप्रकृति-१.२४५ ब। प्ररूपणा- प्रकृति
३.८८, २.५८३ अ, स्थिति ४४६७, अनुभाग १.६५, प्रदेश ३ १३६ । बन्ध ३.६६ अ, ३६७, बन्धस्थान ३.११०, उदय १३७५, उदयस्थान १.३८७, उदीरणा १.४११ अ, उदीरणास्थान १.४१२, सत्त्व ४.२७८, सत्वस्थान ४ २८७, त्रिसंयोगी भग १४०४ । संक्रमण
४.८५ अ, अल्पबहुत्व ११६८। आदेश-१.२४५ ब, अनुयोगद्वार १.१०२ अ, उद्दिष्ट
१.४१३ अ, उपदेश १.४२४ ब, साधु ४४०६ ब । आदेशकषाय-कषाय २.३५ ब, २.३६ अ, ब, स्थापना
कषाय २३७ ब । आवेशप्ररूपणा-अनुयोगद्वार १.१०३ ब । जीव सामान्य
सत् ४.१६५, सख्या ४.६५, क्षेत्र २.१६७, स्पर्शन ४.४७६, काल २.१०१, अन्तर १८, भाव ३.२२० अ, अल्पबहुत्व ११४४, भागाभाग ४ ११० । शरीर स्वामित्व-सत् ४७, क्षेत्र २.२०८, स्पर्शन ४४९४, भाव ३.२२३, अल्पबहुत्व १.१५६ । सघातन परिशातन कृति-सत् ४.२६६, संख्या ४.११६, क्षेत्र २.३०८, स्पर्शन ४.४९४, भाव ३२२३, षट् कर्म
स्वामित्व ४.२६६, बधप्रत्यय स्वामित्व ३१२८ । आवेशप्ररूपणा (बंध-उदय सत्त्व)-बध ३१००, बध
स्थान १.४३८, ३.११३, उदय १.३७६, उदयस्थान १.३९२ ब, सत्त्व ४.२८१, ४.२८५, सत्त्वस्थान ४.३०५, त्रिसंयोगी भग १.४०६ ब । अनुभाग अल्प-
बहुत्व १.१६७ । मादेशप्ररूपणा (स्वामित्व सन्निकर्ष)---प्रकृति-स्थिति
अनुभाग-प्रदेश ३.११४-४.३१०, ४.५२७-५२८.
५२६ । बन्ध, उदय, सत्त्व तथा इनके स्थान-~३११४, ४.३१०, ४.५२७-५२८-५२६, सख्या ४.११७, क्षेत्र २ २०८, स्पर्शन ४.४६४, काल २१२११२२-१२३, ४.५२७, अन्तर १.२३, भाव ३२२३, अल्पबहुत्व १७५, ४४६६, ४५२७, भागाभाग
३२१५ ४११७,४५२७ । आद्धा-१.२४६ अ। आधन्तमरण-१२४६ अ, मरण ३२८१ ब। आधाकम्म (दोष)-आहार १.२८७ ब, २६० ब, उद्दिष्ट
१.४१३ अ। माधान क्रिया-४.१५१ अ। माधार--१२४६ अ, आकाश १.२२१ अ । आधार आधेयसम्बन्ध-उपचार १.४२० ब, कारक
२.५० अ, सम्बन्ध ४१२६ अ । आधारवत्व-१.२४६ अ। माधिकारिणी क्रिया-२.१७४ ब । आधी मागधी भाषा-२.४३२ अ । आधुनिक भूगोल-निर्देश ३.४३५ व । आय-आधार सम्बन्ध-उपचार १.४२० ब, कारक
२.५० अ, सम्बन्ध ४.१२६ अ । आध्यात्मिक-धर्मध्यान २४७६ अ, १.४८१ अ, नास्तिक्य
२.५८५ ब, शुक्लध्यान ४३२ ब, सुख ४.४३१ ब। आध्यान-१२४६ अ, अपध्यान १.११८ ब, ध्यान
२४६६अ। आनंद-१.२४६ अ, अनुत्तरोपपादक दशांग १.५०,
आत्मानुभव १.८१ ब-८५, पार्श्वनाथ ३३७८,
विद्याधर नगरी ३५४५ अ, सुख ४.३३१ ब-४३२ ब । आनंद (कूट)--गन्धमादन गजदन्त-निर्देश ३.४७३ अ,
विस्तार ३.४८३, अकन ३.४४४, ३.४५७ । आनंद पाहुड--३ १५६ ब । आनदपुर-४१६ ब। आनंदबोध-३ ५६५ ब। आनंदवतो-४.१८ ब । आनंदवर्धन-१.२४६ ब । आनंदा--१.२४ ब, नन्दीश्वर द्वीप को वापी-निर्देश
३४६३ अ, नाम ३.४७५ ब, विस्तार ३.४६१ अकन ३ ४६५। रुचकवर पर्वत की दिक्कूमारी
निर्देश ३४७६ अ, अकन ३.४६८ । आनंदिता-१.२४६ ब। व्यन्तर बल्लभिका ३६११ब,
व्यन्तर गणिका ३.६११ ब, नन्दन वन की दिक्कूमारी
३.४७३। आनंदिनी-४.१५ वा
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