Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 177
________________ बाह्य पारिषद बूचीराज बाह्य पारिषद-पारिषद ३.५६ अ। बाह प्रत्ययकषाय २३५ ब, प्रत्यय ३.१२५ ब । बाह्य प्रमेय -प्रमाण ३१४४ अ। बाह्य प्राण-हिंसा ४५३२ ब। बाह्य वर्गणा-वर्गणा ३.५१६ ब । बाह्य व्यास-गणित २ २३३ ब । बाह्य व्युत्सर्ग-व्युत्सर्ग ३.६२३ ब । बाह्य शास्त्र-शास्त्र ४२८ अ । बाह्य शुक्लध्यान-शुक्लध्यान ४.३२ ब । बाद्य सल्लेखना-सल्लेखना ४.३८२ अ। बाह्य सूची- गणित २.२३३ ब । बाह्य हिसा--हिंसा ४५३५ अ । बाह्य हेतु-कारण २५४ अ, २७२ ब । बाझोपधि व्युत्सर्ग-व्युत्सर्ग ३.६२३ ब । बिंदु-सख्या प्रमाण २२१४ ब। बिदुसार---३.१८३ ब, मगधदेश-इतिहास १३१० ब, बीधा अन्न--भक्ष्याभक्ष्य ३२०३ अ। बीस- आयुबध-स्थान १२५६ अ, प्ररूपणा ३१४७ अ, मार्गगा (२० प्ररूपणा) ३२६८ अ । बीसिय-३१८४ अ। बद्ध ३१८४ अ, ग्रह २२७४ अ, मगधदेश- इतिहास १३१० ब, वीर सवत् १ परि०/१। बुद्ध गया-उरुबिल्व १४४५ ब । बुद्धगुप्त--३ १८४ अ। बुद्धस्वामी-३.१८४ अ, इतिहास १.३२६ ब । बुद्धि-३१८४ अ, अध्यवसान १५२ अ, अनुगताकार (अन्वय) १,११२ ब, न्याय २६३३ ब, सस्कार ४.१५० अ। बुद्धि ऋद्धि-ऋद्धि १४४७-४५० । बुद्धिकीति-३ १८४ ब। बद्धिकट-३.१८४ ब, रुक्मिपर्वत का-निर्देश ३ ४७२, विस्तार ३४८३, ३ ४८५, ३ ४८६, अकन ३ ४४४ के सामने। बद्धिदेवी-३१८४ ब, भवनवासिनी-निर्देश ३.६१२ अ, परिवार ३.६१२ अ, भवनविस्तार ३.६१५, आयु १.२६५ ब, ह्रद-निवासिनी-निर्देश ३.४५३ ब, परिवार ३६१२ अ, रुक्मि पर्वत के कट की-निर्देश ३.४७२ ब, अकन ३.४४४ के सामने । बुद्धिल-मूलसघ १.३१६ । बुद्धिलिंग-११८४ ब, मूलसघ १३१६, इतिहास १३२८ बिब-३.१८३ ब। बिबसार-३ १८४ अ, मगधदेश - इतिहास १.३१० ब, १.३१२। बिबोष्ठ-विद्याधर वंश १३३६ अ। बिल-३ १८४ अ। नरक-निर्देश २५७६ ब, श्रेणी ४७२ ब, सख्या २.५७८-५७६, विस्तार २.५७८ ५७६, अवस्थान २.५७६, अकन ३.४४१ । बीज - ३१८४ अ, अग्नि १३६ अ। बीजगणित--३.१८४ अ। बीजचारण ऋद्धि-ऋद्धि १४४७, १.४५३ अ। बोजदर्शनार्य-आर्य १२७५ अ । बोजना-चैत्य-चैत्यालय २३०२ अ। बीजपद-अर्थ ११३५ अ, पद ३.४ अ, पद्धति ३.८ ब । बीजबुद्धि ऋद्धि-ऋद्धि १४४८ अ-ब, १.४४६ अ, गणधर २२१२ ब। बीजमान -प्रमाण ३१४५ अ । बीजरचि-सम्यग्दर्शन ४.३४८ ब। बीजरुद्ध-धनस्पति ३.५०३ अ, ३.५०६अ। बोजसम्यक्त्वार्य-आर्य १२७५ अ । बोज-सम्यग्दर्शन-सम्यग्दर्शन ४.३४८ ब । बीजा--३.१८४ अ, मनुष्यलोक ३.२७५ ब । बीजाक्षर-अक्षर १३३ अ, दिव्यध्वनि २.४३२ ब । बीपी-३१८४ अ, समवसरण ४.३३०ब। बुद्धिवीर्य-तीर्थंकर पुष्पदत २.३६१ । बुद्धिसागर-चक्रवर्ती ४१३ अ, ४.१५ अ। बबेशभवनव्याख्यान-३१८४ ब, इतिहास १.३४१ । बुध-३ १८४ ब । ज्योतिष ग्रह-निर्देश २.३४८ अ, विस्तार २३५१ ब, आकार २३४७, किरणे तथा वाहक देव २३४७, चित्र २३४७, देव आयु १.२६६ ब। आधुनिक मत ३४३६ अ, वैदिक मत ३४३२ बुधजन-३१८४ ब, इतिहास १३३४ ब, १.३४८ अ। बुधजनविलास ३१८४ ब, इतिहास १३४८ अ । बुधजन सतसई-३१८४ ब, इतिहास १.३४८ अ । बुभुक्षा काल-भिक्षा ३२२८ ब । बुलाकीदास-३१८४ ब, इतिहास १.३३४ अ। बचिमय्यंगुल-गण्डविमुक्त देव २२१०ब। बूचीराज-३.१८४ ब, इतिहास १.३३१ ब, १.३३३ ब, १.३४७ अ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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