Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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सिद्धात
२७६
सीतोदा नदी
सिद्धांत-४.४२७ ब, कर्म २२६ अ, न्याय २६३३ अ,
इतिसास १३४१ ब। पद्धति ३६ ब, प्रवचन ३१४७ ब, वेद ३.५८३ ब। सिद्धिविनिश्चय वृत्ति-इतिहास १३४२ ब । सिद्धांत अध्ययन-कायक्लेश (श्रावक) २,४८ अ । श्रोता सिर चालन-व्युत्सर्ग का दोष ३ ६२२ अ। ४७५ ब।
सिरा-४४२८ अ, औदारिक शरीर १४७२ अ। सिद्धांतग्रंथ-पद्धति ३.८ ब।
सिरिवालचरिउ-४४२८ अ, इतिहास १३४५ ब, सिद्धांतचक्रवर्ती-अभयनदि ११२७ अ, इद्रनंदि १.२६६ १.३४६ अ। ब, इतिहास १३३० ब, १३४२ ब।
सिरीष कषाय-कषाय २.३५ ब, २.३६ अ। सिद्धांत भट्टारक-द्राविड सघ १३२० ब, इतिहास सीता-४.४२८ ब, नारायण ४.१८ ब। १.३३०ब।
सीताकुड-४४२८ ब, सीता नदी का उद्गम स्थानसिद्धांतशास्त्र-कायक्लेश (श्रावक) २४८ अ. थोता निर्देश ३.४५५ अ, विस्तार ३.४६०, अंकन ३४४७। ४७५ ब ।
इस कुड का द्वीप-निर्देश ३.४५६ अ, विस्तार सिद्धांतसागर--४.४२८ अ ।
३.४८४, अंकन ३.४४७, वर्ण ३४७७ । सिद्धांतसार-४.४२८ अ, इतिहास १३४४ ब, १.३४६ सीता कट--४.४२८ अ, सीताकुड का कट -निर्देश अ।
३४५६ अ, विस्तार ३४८४, अंकन ३ ४४७, वर्ण सिद्धांतसारदीपक-इतिहास १.३४६ अ।
३४७७ । गजदंत पर्वत का-निर्देश ३४७३ अ, सिद्धांतसार भाष्य-इतिहास १३४७ ब ।
विस्तार ३४८३, अंकन ३.४५६ । नील पर्वत कासिद्धांतसारसग्रह -४४२८ अ, इतिहास १.३४३ ब ।
निर्देश ३.४७३ अ, विस्तार ३.४८३, ३४८५, सिद्धांतसेन-४४२८ अ, द्राविड संघ १३२. ब, इतिहास
३४८६, अकन ३४४४ । रुचकवर पर्वत का१३३० ब।
निर्देश ३.४७६ अ, विस्तार ३४८७, अकन ३ ४६८ । सिद्धांताचार वाचन-क्रिया--कृतिकर्म ३१३६ ब।
सीतादेवी-सीताकड की-निर्देश ३.४६५ अ, अरुन सिद्धांतिक देव-नदिसघ देशीय गण १३२४ ब, इतिहास
३४४७ । रुचक पर्वत की--निर्देश ३ ४०६ अ, अकन १३३१ अ।
३.४६८। सिद्धाभ देव-४.४२८ अ, तीथंकर २.३७७।
सीता नदी-४४२८ ब, विदेह क्षेत्र की-निर्देश ३४५५
अ, विस्तार ३.४८६, ३.४६०, अंकन ३.४४४, सिद्धायतन कूट-४४२८ अ, आयतन १२५१ अ, चैत्य
३.४६४ के सामने, जल का वर्ण ३ ४७८ । चातुर्कीपिक चैत्यालय २३०४ अ । सभी पर्वतो पर एक एक
भूगोल ३४३८ अ, बौद्धाभिमल ३४३४ ब । निर्देश ३४७१-४७३, विस्तार ३.४८३, अकन
सीतोदा कुंड-४४२८ ब, सीतोदा नदी का उद्गम स्थान ३४६०,३४७८ । ३ ४४४, ३४६४ के सामने (चित्र
--निर्देश ३४५५ अ, विस्तार ३.४६०, अकन स० ३७)।
३४४७ । इस कुण्ड का द्वीप-निर्देश ३.४५६ अ, सिद्धार्थ-४४२८ अ, तीर्थंकर ऋषभदेव २३८३, नेमि
विस्तार ३ ४८४, अकन ३ ४४७, वर्ण ३.४७७ । नाथ २३७८, वर्तमान २३८० मानुषोत्तर पर्वत .
सीतोदा कूट-४४२८ । सीतोदा कुड में स्थित-निर्देश का देव-निर्देश ३४७५ अ, अकन ३.४६४, विद्या
३ ४५५ ब, विस्तार ३४८४, अकन ३.४४७, वर्ण धर नगरी ३५४५ ब ।
३४७७, गजदंत पर्वत का निर्देश ३४७३ अ, विस्तार सिद्धार्थ-मूलसघ १३१६, इतिहास १.३२८ ।
३४८३, अकन ३.४४४, ३४५७ । निषध पर्वत का सिद्धार्थक-विद्याधर नगरी ३५४५ ब।
-निर्देश ३.४७२ अ , विस्तार ३.४८३, अंकन सिद्धार्थ मगल-मगल ३.२४४ अ।
३४४४ । सिद्धार्थ-४.४२८ अ, तीर्थंकर अभिनदननाथ की यक्षिणी । सीतोदा देवी-सीतोदा कुंड की-निर्देश ३.४५५ अ, २.३८०, विद्या ३.५४४ अ।
अंकन ३.४४७। निषध पर्वत के कट की-निर्देश सिद्धि-४४२८ अ, ध्यान २.४६६ब, २.४६७ अ।
३.४७२ अ, अकन ३.४४४ । सिद्धिप्रिय स्तोत्र-४४२८ अ, इतिहास १.३४० ब। सीतोश नदी–४.४२८ ब, विदेह क्षेत्र की महानदीसिद्धिविनिश्चय-४.४२८ अ, अकलंक भट्ट १.३१ अ, निर्देश ३.४५५ , विस्तार ३.४८६, ३.४६०, अकन
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