Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 290
________________ सूर्यरज सूर्यरज -- ४४४३ ब, वानरवरा १३३८ ब । सूर्यवश - इक्ष्वाकुवश १३३५ अ, इतिहास १३३६ ब । सूर्य- ४४४३ व । सूर्याचरण - ४४४३ व सुमेरु ४४३७ अ सूर्याभ-- ४४४३ व लोकातिक देव ३४९२ व विद्याधर नगरी ३ ५४५ अ । सूर्यावर्त -- ४.४४३ ब, सुमेरु ४४३७ अ सूबा सूतक ४४४२ ब । " सृष्टि- ४.४४३ व काल २.११, केवली ४१६० अ वेदात ३५९६ ब, वंशेषिक दर्शन ३.६०८ अ । सुष्ट्यधिकारता अधिकार- ब्राह्मण ३१९६ अ । सेज्जाघर - ४.४४३ ब । सेन तीर्थंकर धर्मनाथ २.३८७ । सेनसंघ - इतिहास १३२६ अ । सेना - ४४४४ अ, अनीक १६८ ब, तीर्थंकर सभवनाथ २३८०, तीर्थकर वासुपूज्य २३८८ । सेनापति - ४४४४ अ चक्रवर्ती ४१३ अ । सेनामुख --- ४.४४४ अ । सेमर - ४४४४ अ । सेवक - तीर्थकर २३७७, मिथ्यादृष्टि ३३०५ ब, राग ३ ३६६ अ । सेवन-वन्दना ३ ३६६ ब । सेवा - ४४४४ अ । सेही - तीर्थंकर अनतनाथ २.३७९ । संतालीस जीव (शक्तियाँ) २३३७ नय २.५२३ अ । संध--४४४४ अ मनुष्यलोक २.२७५ ब । सेकेंड -- काल का प्रमाण २२१७ अ सेतव - ४४४४ न मनुष्यलोक ३.२७५ व । सैद्धांतिक (देव) - ४४४४ अ । २६४ सोमधिक सख्या का प्रमाण २.२१४ व सोतांतर वाहिनी - विभगा नदी निर्देश ३ ४६० अ, नामनिदेश ३ ४७४ ब, विस्तार ३.४८६, ३.४६०, अकन ४४४४, ३४६४ के सामने । सोता निद्रा २६०२ अ सम्यग्दृष्टि ४.३७८ अ । सोतो- वाहिनी - विभगा नदी - निर्देश ३.४६० अ, नामनिर्देश ३.४७४ ब विस्तार ३.४८६, ३.४६०, अंकन ३.४४४, ३ ४६४ के सामने | सोना निद्रा २६१० अ सम्यग्दृष्टि ४३७८ अ । सोपक्रम आयुष्क आयु १.२५९ भ, १२६० अ सोपक्रम कालकाल २८१ अ । सोपाधिक अनुमान उपाधि १४४४ अ । Jain Education International सालह सोम -- ४४४४ अ, नक्षत्र २५०४ ब, नारायण ४१८ ब यदुवत १.३३७, विद्याधरवश १३३१ अ सोम (लोकपाल) निर्देश ( लोकपाल ) ३.४९१ व आयु १२६६, मध्यलोक मे अवस्थान ३६१३ अ, सुमेरु पर्वत पर अवस्थान ३४५० अ-ब, स्वर्गलोक में अवस्थान ४.५१३ अ शक्ति व ऋद्धि ४.५१३ अ । सोमक तीर्थंकर नेमिनाथ के गणधर २३८७ । सोमकायिक- ४४४४ अ, आकाशोपपन्न देव २४४५ ब । सोमकीति - ४४४४ अ, काष्ठासघ १३२७ अ इतिहास १ ३३३ अ १३४६ अ । सोमदत्त --- ४४४४ ब, गणधर २२१२ ब, यदुवश १.३३७ । इतिहास - सोमदेव – ४.४४४ व अग्निभूत १.३६ व १.३४२ ब । द्वितीय १३३१ अ, प्रथम १.३३० ब, १३३३ अ । सोमनाथ - ४४४४ व इतिहास १.३३२ अ । सोमप्रभ - ४४४४ ब, कुरुवंश १.३३५ व तीर्थंकर बल देव ४१७ अ ४.१८ अ, राज्यवश सामान्य १३३५ अ । सोमयश – ४.४४५ ब इक्ष्वाकुवंश १.३३५ अ, १३३६ ब । सोमवंश - इतिहास १.३३६ ब, ऋषिवश १३३५ ब चन्द्रवश १३३६ ब । सोम शर्मा ४४४४ ब । सोमश्री - यदुवश १.३३७ । - सोमश्रेणी - ४४४४ व सोमसेन -- ४४४४ व सेनसघ १३२६ अब इतिहास १.३३३ व १३४७ ब । सोमवंश सोमा तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ २.३८० ॥ सोमिल - ४.४४४ ब, अंतकृत केवली १२ ब । सोमेश्वर- ४.४४४ व मीमासा दर्शन (भट्ट) २.३११ अ सोरठ- ४४४४ व मनुष्यलोक ३.२७५ ब । सोलसा – २४४४ व तीर्थंकर धर्मनाथ की यक्षिणी २.३७१ । = = सोलह-सहनानी - अनन्त १६, अनंतानंत = १६, असख्यात (परीत) १६, जीवराशि १६ काल समय राशि = १६ ख ख, आकाशप्रदेश राशि = १६ ख ख ख गणित २.२१६ अ । सोलह - आहार के उत्पादन व उद्गम दोष १.२८१ - २६१, कुलकर ४.२३ अ पृथिवी (रस्नप्रभा ) ३.३८९ ब भावना ३.२२५ अ स्वप्न ४.५०४ अ । 3 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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