Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 260
________________ श्रेष्ठी २५४ षद्रव्य श्रेष्ठी--तीर्थ कर २.३७७ । ४ ५१ ब, आवश्यक कर्म (साधु) १२७६ ब, आहार श्रोता. ४.७४ अ, उपदेश १,४२४ ब । १.२८५ अ, कर्तव्य (श्रावक) ४५१ ब, कर्म (असिश्रोत्र (इद्रिय)-आहारातराय १२६ अ, इंद्रिय १.३०२ मसि आदि) 6 २४, ४.४२० ब, कारक २४८, खड अ, प्रदेश तथा अवगाहना का अल्पबहुत्व ११५७, ४८१ अ, धनागुल की सहनानी २२१६ ब, दर्शन प्राप्यकारी १३.३ ब । (एकात मत) १४६५ अ, द्रव्य २.४५५ ब, पर्याप्ति श्रोत्रज मतिज्ञान - कालावधि का अल्पबहुत्व ११६० ब, ३४१ अ, रम ३ ३६३ अ, हानिवृद्धि ४८१ अ। श्रुतज्ञान ४६२ अ। षट्-अनायतन-आयतन १ २५१ अ। श्रोत्रिय ब्राह्मण ३.१६५ अ । षट्-आवश्यक-श्रावक ४५१ ब, साधु १.२७६ ब । श्लक्ष्णकला-~४७५ ब । षटकर्म-श्रावक ४५१ ब, सावध ४४२० ब । श्लेष-४७५ ब। श्लेष संबंध-४७५ ब । षटकाय-काय २४6 ब । श्लेष्म-औदारिक शरीर १४७२ अ । षट्कारक-कारक २४८-५०, ज्ञान (भेदज्ञान) २.२६१ श्लोकवातिक-४७६ अ, इतिहास १.३४१ ब । मीमासा ब । ध्यान २४६५ अ। दर्शन २३११ अ। षदखंड-४८१ अ, भरत आदि क्षेत्रो के छ: छ: खंड - श्लोहित-४७६ अ। निर्देश ३.४४६ अ, विस्तार ३४४७, ३४६० अ, श्वपाकज -विद्याधरव श१३३६ अ । ३.४७६, अवन ३४४७, ३४६४ के सामने, गणना श्वपापविद्या-विद्याधरवश १.३३६ अ। ३४४५ अ, काल विभाग २६३ । श्वस्ना-४७६ अ, मनुष्यलोक ३.२७५ ब । षट्खंड टीका- इतिहास १३४० ब । श्वासोच्छ्वास-४.७६ अ, उच्छ्वास १.३५२ ब, काला- षखंडागम-४८१ अ, इतिहास १३४० अ। वधि का अल्पबहुत्व १.१६१ अ, प्राणायाम ३१५५ अ, षटखडागम टीका-इतिहास १ ३४० ब । शुक्लध्यान ४३५ब । षट् गुण हानि वृद्धि-४८१ अ, अगुरुलघु १.३४ अ श्वेत-तीर्थंकर मल्लिनाथ २३८३ । ___अध्यवसाय १.५३ ब, गणित २ २३१ । श्वेतकुमार-४७६ अ। षट्चक-पदस्थ ध्यान ३६ ब । श्वेतकेतु-४.७६ अ, विद्याधर नगरी ३५४५ अ। षट्चत्वारिशत् - अर्हत के गुण १.१३७ ब, आहार के दोष श्वेतध्वज-विद्याधर नगरी ३५४५ अ । १२८७ अ, १२८६ अ, वसतिका के दोष ३ ५२८ श्वेतपंचमी व्रत-४.७६ अ। अ। श्वेतरधिर-अहंतातिशय १.१३७ ब । षटत्रिंशत्-आचार्य के गुण १२४२ अ। श्वेतवर्ण-मंगल ३ २४४ अ । षट्पर्याप्ति-केवली २.१६२ ब, पर्याप्ति ३.४१ अ। श्वेतवस्त्र-क्षुल्लक २.१८८ ब । षट्प्राभूत टोका-इतिहास १३४६ ब । श्वेतवाहन-४.७६ अ । षडशता-परमाणु ३.१७ अ। श्वेतांबर-४.७६ अ, अचेलकत्व १४० अ, कुदकुद षडनायतन-आयतन १.२५१ अ। २.१२७ अ, मूलसंघ १.३१६ अ, १. परि०/२.३, षडशीति-इतिहास १.३४५ अ। निंदा २.५८८ ब । षडावश्यक - आवश्यक (साधु) १.२७६ श्रावक ४.५१ ब । श्वेतांबर पराजय-इतिहास १.३४७ ब । षड्क--४८१ ब । श्वेतांबर संघ-एकात (जैनाभास) १.४६५ अ । षड्गुण-हानि-वृद्धि-४८१ अ, अगुरुलघु १.३४ अ अध्यवश्वेतांबराभास-श्वेताबर ४.८० ब। साय १.५३ ब, गणित २.२३१ अ। षड्ज - ४८१ ब, स्वर ४५०८ ब । षड्दर्शन--एकात १४६५ अ, दर्शन २.४०२ ब। षड्दर्शनसमुच्चय-४.८२ अ, इतिहास १३४१ अ । बड़दिक-अपक्रम-गति ३ ३५ ब, २.२३६ अ। षड्दिक-गति-गति २.२३५ ब, २.२३६ अ। चंड वन-तीर्थकर २.३८३ । षद्रव्य-निर्देश (द्रव्य) २४५५ ब, अल्पबहुत्व १.१४२ बट-अनायतन १.२५१ अ, आवश्यक कर्म (श्रावक) ब, कर्म २.२८ ब, कारण-कार्य २.६३ ब । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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