Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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भीमनिमित्तज्ञान
मंदकषाय
भौमनिमित्तज्ञान - ऋद्धि १४४८, निमित्तज्ञान २६१२ ब ।
२३४७, चित्र २३४७, किरण तथा वाहक देव भ्रम-३२४० अ, कर्ता-कर्म २२२ ब । नरक पटल
२३४७ । देव-निर्देश २३४५ ब, आयु १.२६६ निर्देश २.५८० अ, पिस्तार २.५८० अ, अकन ब। इन्द्र निर्देश २३४५ ब, शक्ति २३४५ ब । ३४४१। नारकी-अवगाहना ११७८, अवधिज्ञान
आधुनिक मत ३४३६, वैदिक मत ३ ४३२ ब । ११६८, आयु १२६३ ।
मंगल गोचर----कृतिकर्म २.१३% अ । २०४० अ. नरकपटल-निर्देश २५८० अ, मंगलगोचर प्रत्याख्यान -कृतिकर्म २१३७ ब । विस्तार २५८० अ, अकन ३ ४४१। नारकी- मंगल द्रव्य-समवसरण ४३३० ब । अवगाहना १.१७८, अवधिज्ञान ११६८, आयु मगला-३ २४४ ब, तीर्थंकर सुमतिनाथ २३८०, १२६३।
तीर्थंकर स्वयंप्रभ २ ३९२, विद्या ३ ५४४ अ।। धमका-३२४० अ, नरक पटल--निदंश २५८० अ, मंगलावती-३२४४ व । विदेहस्थ क्षेत्र-निर्देश ३४६० विस्तार २५८० अ, अकन ३४४१। नारकी
अ, नामनिर्देश ३४७० ब, विस्तार ३४७६, अवगाहना ११७८, अवधिज्ञान ११६८, आयु
३४८०, ३ ४८१, अकन ३.४४४ के सामने, २४६४ १२६३।
के सामने, चित्र ३४६० अ। वक्षारगिरि का कूट भ्रमघोष-कुरुवंश १ ३३६ अ ।
तथा देव ३४७२ ब । भ्रमण-जीवप्रदेश २ ३३६ ब ।
मंगलावर्त-३२४४ ब, गजदन्त का कूट -निर्देश ३४७३ भ्रमणकाल-काल-पुरुषवेदी २६६ ब, स्त्रीवेदी २६६ ब। ब, विस्तार ३४८३, अकन ३४४४ के सामने, भ्रमरघोष-कुरुवंश १ ३३५ ब ।
३४५७ । भ्रमराहार-आहार १.२८८ ब, भिक्षा ३.२२६ ब। मंगिना-तीर्थकर नेमिनाथ २ ३८८ । अष्ट मनि-साध ४४०६ ब, स्वच्छन्द साधु ४५०३ । मंजूषा-३२४४ ब, विदेह नगरी-निर्देश ३४६० अ. भ्रांत-३२४० अ. नरकपटल-निर्देश २५७६ व, विस्तार नामनिर्देश ३४७० ब, विस्तार ३४७६, ३४८०,
२५७६ ब, अकन ३४४१ । नारकी---अवगाहना ३४८१, अकन ३ ४४४ के सामने, ३ ४६४ के सामने. ११७८, अवधिज्ञान ११६८, आयु १२६३ ।
चित्र ३४६० अ। धांति-३ २४० अ, सस्कार ४१५० अ ।
मडन-मीमासक ३३११ अ, वेदान्त ३ ५६५ ब । भ्रामरी बत्ति-३ २४० अ, आहार १२८८ ब, भिक्षा मंडन मिश्र-३.२४४ ब, वेदान्त ३ ५६५ ब ।
क्लेश (श्रावक) २.४८ अ, भिक्षा ३ २२९ ब । मंडप- समवसरण ४.३३० अ। भ्रूक्षेपण-व्युत्सर्ग दोष ३ ६२२ अ ।
मडपभूमि-३.२४४ ब, समवसरण ४३३० अ। मंडल-३२४५ अ, अग्नि १.३५ ब, १३६ अ, आकाश
१२२० ब, मन्त्र ३२४५ ब । मडलीक-३ २४५ अ, राजा ३.४००ब, तीर्थकर ऋषभ
आदि २५८६ । मंडित-३.२४५ अ, विद्याधर नगरी ३५४५ अ। मत्र-३.२४५ अ-ब, पदस्थ ध्यान ३.५ ब । हिंसा ४५३४
मंखलि-पूरन कश्यप ३.८२ अ।
मंत्र बोष-आहार १.२६१ ब। मगरस-३.२४० अ, इतिहास १३३३ ब, १३४६ ब । मंत्र महोदधि-इतिहास ५.३४३ ब। मंगराज-३२४० अ, इतिहास १३३३ ब ।
मंत्रवादी देवचंद्र-नन्दिसघ १.३२५ । मंगल-३२४० अ, ग्रह २२७४ अ । गजदन्त का कूट मत्रशाला-ज्योतिष देवो के प्रासादो मे २३५१ ब।
तथा देव-निर्देश ३४७२ ब, विस्तार ३४८३, मंत्रसामर्थ्य-हिंसा ४.५३४ ब । अंकन ३४४४ के सामने, ३.४५७ ।
मंत्री-२.२४८ ब, प्रतिनारायण ४.२० ब । मंगल (ज्योतिषलोक)-ज्योतिषविमान-निर्देश २.३४६ मंत्रोपजीवी-३.२४८ ब ।
ब, आकार २.३४७, विस्तार २.३५१ ब, अंकन मंदकवाय-कषाय २.३६ अ, २.३६ अ .
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