Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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रोहिणी व्रत
२१२
लक्ष्मणपुरी
ल
रोहिणी व्रत-३ ४०७ अ ।
'रौरव-३ ४०६ अ, नरक पटल-निर्देश २ ५७९ ब. रोहित कुड -३४०७ अ, रोहित नदी का कड-निर्देश विस्तार २.५७६ ब, अंकन ३४४१ । नारकी
३४५५ अ, विस्तार ३४६०, अंकन ३.४४७। अवगाहना ११७८, आयु १.२६३, वैदिकाभिमत रोहित कड मे स्थित द्वीप-निर्देश ३.४५५ अ। नरक ३४३२ ब। विस्तार ३४८४, अन ३ ४४७, वर्ण ३ ४७७ । रोरुक-३४०६ अ, नरक पटल -निर्देश २ ५७६ अ, रोहित (कट)-३.४०७ अ, रोहित कुड के द्वीप मे स्थित विस्तार २ ५७६ अ, अकन ३ ४४१ । नारकी
कट-निर्देश ३४५५ ब, विस्तार ३४८४, अकन अवगाहना १.१७८, आयु १.२६३ । ३४४७, वर्ण ३.४७७ । महाहिमवान पर्वत का कूट है- पदस्थ ध्यान ३६ ब ।
-निर्देश ३ ४७२ अ, विस्तार ३४८३, अकन ३४४४। रोहित (देव)-३४०७ अ, रोहित कुड की देवी-निर्देश
३४५५ अ, अकन ३ ४४७ । महाहिमवान के कूट की देवी-निर्देश ३ ४७२ अ, अकन ४४४४ । लवण
सागर के पर्वत का रक्षक देव ३.४७४ ब । रोहित (नदी)-३.४०७ अ, हैमवत क्षेत्र की महानदी
निर्देश ३४५५ अ, विस्तार ३.४८६, ३४६०, अकन
३४४४,३४६४ के सामने, जल का वर्ण ३.४७८ । लंका-३४०४ अ, प्रतिनारायण ४२० अ-ब, राक्षसवश रोहित पटल-स्वर्ग पटल-निर्देश ४५१६, विस्तार १३३८ अ, विद्याधरवश १३३६ अ ।
४५१६, अकन ४५१६ ब, देव आयु १२६६ । लका-शोक -राक्षसवश १३३८ । रोहितास्था कुंड-३ ४०७ अ, रोहितास्या नदी का कुड लंघन-प्रोषधोपवास ३ १६६ ब। निर्देश ३.४५५ अ, विस्तार ३.४८४, अकन ३४४७। लत--3x.
लब-संक्षेत्र-३४०६अ। रोहितास्था कंड का द्वीप-निर्देश ३४५५ अ, लवित-३४० अ व्यत्मा दोष 3603 विस्तार ३ ५८४, अकन ३४४७, वर्ण ३.४७७ । लबिताधर-विद्याधरवश १३३६ अ। रोहितास्या कट -३४०७ अ, गहितास्था कुड के द्वीप ल० - लक्ष की सहनानी २२१८ ब ।
का कट-निर्देश ३४५५ ब, विस्तार ३४८४, ल० को०-लक्ष कोटि की सहनानी २२१८ ब । अकन ३४४७, वर्ण ३.४७७ । महाहिमवान पर्वत लक्खण (कवि)-३४०६ अ, इतिहास १३३२ अ। का कट-निर्देश ३४७२ अ, विस्तार ३४८३,
लक्खनदि-नदिसघ १३२५ । अकन ३ ४४४ के सामने।।
लक्ष-सहनानी २२१८ ब । रोहितास्या देवी-३४०७ अ, रोहितास्या कुड की देवी लक्षकोटि-सहनानी २२१८ ब।
-निर्देश ३ ४५५ अ, अकन ३४४७, रोहितास्या लक्षण-३४०६ अ, गुण २२४० अ, प्रवृत्ति ३ १४६ । कट की देवी-निर्देश ३४७२ अ, अकन ३.४४४ के लक्षणनिमित्तज्ञान-निमित्तज्ञान २६१३ अ, ऋद्धि सामने ।
१४४८ । रोहितास्या नदी-३ ४०७ अ, हैमवत क्षेत्र की महानदी लक्षणपंक्ति व्रत -- ३ ४१० अ।
---निर्देश ३,४५५ अ, विस्तार ३४८६, ३४६०, लक्षणाभास-लक्षण ३ ४०६ ब। अकन ३४४४, ३४६४ के सामने, जल का वर्ण लक्षपर्वा-३४१० अ, विद्या ३.५४४ अ । ३४७८॥
लक्षावधि-साधु ४४०८ अ। रौद्र ~३४०७ अ।
लक्ष्मण-३४१० अं, अग्निप्रभ देव १.३६ ब, तीथंकर रौद्र ध्यान-३४०७ अ, अशुभोपयोग १.४३३ ब, ध्यान २.३६१, प्रतिनारायण ४.२० अ, रघुवंश १.३३८ २.४६७ अ, सम्यग्दृष्टि ४३७६ अ, सामायिक
लक्ष्मणदेव (कवि)-३.४१० अ, इतिहास १३३२ ब । रोदनाद-नारायण ४१८ ब।
लक्ष्मणपुरी-३.४१० अ।
अ।
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