Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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भेदग्रहण
१८१
भोज्यशूद्र
भेदग्रहण-आकार १२१८ ब ।
१२६४, आयु का अपकर्ष काल १.२५६ ब, आयुभेदपक्ष-द्रव्य २४५६ अ-ब, २.४६० अ।
बंध १२६१ ब, १.२६२ ब, आयुबंध के योग्य भेदपद-अनुयोग ११०२ ब ।
परिणाम १२५५-२५६, उदय-व्युच्छित्ति १३७७, भेदप्रवृत्ति-विश्लेषण पद्धति (नय) २५५८ अ।
कालविभागू २६३, गणना ३.४४५, गुणस्थान
३ २३५ ब, गोत्र ३ ५२२ अ, जीवसमास २३४३, भेदरत्नत्रय-मोक्षमार्ग ३ ३३६ अ । भेदवाद--३.२३७ अ।
मनुष्य ३ २७३, वेद ३ ५८७ अ । सत् ४.१८५, सम्य
क्त्व ३२३५ ब, वैदिकाभिमत ३ ४३१ ब । भेदविज्ञान-उपयोग १४३२ ब, ज्ञान (सम्यक) २.२६७
भोगमालिनी-३२३८ ब, गजदन्त के कट की देवी भेदसंघात-वर्गणा ३ ५१६ अ, ३५१८ ब, संघात ३४७३ अ, ३.६१४ । ४१२४ अ, स्कध ४.४४७ अ।
भोगरति-सुख ४.४३४ अ ।
भोगवती-३.२३८ ब, गजदन्त के कट की देवी ३४७३ भेद-स्वभाव-भेद ३२३६ ब।
अ, व्यतरेद्र गणिका ३६११ ब, मध्यलोक मे अवस्थान भेदातीत-लब्धि ३४१५ अ।
३ ६१४ ब। भेदाभेद-अनेकांत (सापेक्ष धर्म) ११०६ अ, उत्पादादि
- भोगवर्धन-प्रतिनारायण ४२० ब, मनुष्यलोक ३२७५ १.३५६ ब-३६१ अ, कर्ता-कर्म २.१७-२४, कारक
अ। २.४८-५०, कारण-कार्य २५५ अ, द्रव्य २४५८ अ,
भोगा-व्यतरेद्र गणिका व वरलभिका २६११ ब । २.४५६ अ-ब, भोक्ता-भोग्य ३२३८ अ।
भोगाकांक्षा-निदान २६०८ अ। भेदाभेद-विपर्यास-ज्ञान २.२६४ ब, विपर्यय ३५५६ अ।
भोगांतराय कर्म प्रकृति-प्ररूपणा-प्रकृति ३८८, १२७ भेदोपचार-उपचार १४१६ अ नय २५५६ ब ।
ब, स्थिति ४४६७, अनुभाग १६४, प्रदेश ३.१३७ । भैससम-उपदेश १४२५ ब, श्रोता ४७४ ब ।
बध ३.६७, बन्धस्थान ३ १०६, उदय १३७५, भैसा--उपदेश (श्रोता) १४२५ ब, तीर्थंकर वासुपूज्य
उदयस्थान १३८७, उदीरणा १४११ अ, उदीरणा २ ३७६, श्रोता ४७४ ब ।
स्थान १.४१२, तत्त्व ४२८१, सत्त्वस्थान ४.२६४, भक्ष्यशद्धि-अस्तेय व्रत १२१४ अ।
त्रिसयोगी भग १३६६ संक्रमण ४८५ अ, अल्पबहुत्व भैरवपद्मावती कल्प- इतिहास १३४३ ब ।
१.१६६ । भोक्ता-३.२३७ अ, कर्ता २२० ब, २२४ ब, जीव ।
भोगोपभोग ३.२३८ ब, अनुभव १.८१ अ, अनर्थदण्ड २३३३ ब, द्रव्य २४५७ अ।।
१६४ अ, सुख ४४३० अ। भोक्ता-भोग्य भाव-कर्ता-कर्म २ २२ अ, २ २४ ब ।
भोगोपभोग परिमाण व्रत -३२३८ ब, अनर्थदण्ड १.६४ भोक्तृत्व-भोक्ता ३ २३७ ब ।।
अ, सचित्तत्याग प्रतिमा ४१५८ अ। भोक्तत्व नय--२५२३ ब ।।
भोज-३२३६ब, योगदर्शन ३ ३८४ अ। भोक्तत्व भोग्य भाव-कर्ता-कर्म २.२२ अ, २२४ ब।
भोजवश-३२३६ ब, इतिहास १३१० अ, १३३६ ब । भोगंकरा-गजदन्त के कूट की देवी ३४७३ अ, ३.६१४।
भोजकवृष्णि-३२३६ ब, यदुवश १३३६, हरिवंश
भोली भोगकृति-जदन्त के कट की देवी ३४७३ अ, ३.६१४ ।
१३४० अ। भोगंधरी-३.२३७ ब ।
भोजन-३२४० अ, दान २४२४ ब, भिदा काल ३२२८ भोग-३ २३७ ब, इद्रिय विषय १.३०६ अ, काम २.४२ ब।
ब, निदान २६०८ अ-ब, मिथ्यादृष्टि ३३०५ब, राग भोजनकथा-कथा २.३ ब । ३३६६ ब, सम्यग्दष्टि ३.४०० अ।
भोजनदान-दान ३.४२४ ब। भोग (नाम)-चक्रवर्ती ४.१५ आ।
भोजनपान-अहिसा १२१६ अ । भोग निदान-निदान २६०८ अ-ब ।
भोजनसपात-आहारान्तराय १.२६ अ। भोगपत्नी-स्त्री ४.४५० ब, ४.४५२ अ ।
भोजनांग जातीय कल्पवृक्ष-वृक्ष ३५७८ अ। भोगभूमि-निर्देश ३.२३५, अकालमरण ३.२८४ ब, भोजवृत्ति-योगदर्शन ३.३८४ अ।
अधःकर्म १.४८ ब, अवगाहना १.१८०, आयु १.२६३, भोज्यशूद्र-वर्ण व्यवस्था ३ ५२५ ब।
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