Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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न्यग्रोधवृक्ष नेमिनाथपुराण नेमिनाथपुराण -२.६३० ब, इतिहास १३४७ अ । ___ भाव ३२१८ ब, योग ३ ३७६ अ, वर्गणा ३ ५१३
अ, सामयिक ४४१६ अ। नेमिनाथ बारहमासा-इतिहास १.३४७ अ।
नो-इद्रिय प्रणिधान--प्रणिधान ३११५ अ। नेमिनाथ वसत-इतिहास १३४७ अ।
नो-ओम्--ओम् १४७० अ। नेमिनिर्वाण काव्य-२६३० ब, इतिहास १३४३ ब ।
नो-ओम नो-विशिष्ट-अनुयोग द्वार ११०२ ब । नेमिप्रभ-तीर्थंकर २३६२ ।
नोकर्म-आबाधा १२५० ब, कर्म २२७ ब, २२८ अ, नैमिषेण--२६३० ब माथुर सघ १३२७ ब । सेनसघ
बन्ध ३ १७० अ, ३१७६ अ, भाव २ २७ अ, सक्रमण १३२६ अ-ब, इतिहास १३३२ ब ।
(गुणश्रेणी) ४६० ब, स्कन्ध ४४४७ ब । नंऋति-२६३० ब, नक्षत्र २.५०४ ब ।
नोकर्म आहार---आहार १२८५ अ, आहारक १२६५ अ, नंगमनय--२५२७ ब, उपक्रम १४१६ ब, उपचार
केवली २१५६ अ। १.४२३ अ, नय २५२८ ब, निक्षेप २५६५ अ, नोकर्म तव्यतिरिक्त-निक्षेप २.५६६ ब, २.६०० ब, रागद्वेष २३६ अ-ब ।
मगल ३२४१ अ। नेगमाभास-नय २५३१ ब ।
नोकर्म नारकी-२५७२ अ । नेपाल-२६३० ब, मनुष्यलोक ३.२७५ ब ।
नोकर्म नोआगम-उपशम १४३७ अ। नेपोरियन लॉग-अर्धच्छेद प्रक्रिया गणित २ २२५ अ । नोकर्म वर्गणा-कर्म २२७ अ, वर्गणा ३५१२ब। नैमित्तिक-निमित्त-नैमित्तिक भाव-दे० निमित्त । नोकर्माहार-आहार १२८५ अ, आहारक १२६५ अ, नैमित्तिक उत्पाद-उत्पाद-व्यय १३६२ ब ।
केवली २१५६ अ, केवलीसमुद्घात २१५६ अ । नैमित्तिक क्रिया-कृतिकर्म २१३८ ।
नोकषाय-२६३१ अ, कषाय २३५ ब, २३६ अ, बन्ध
काल का अल्पबहुत्व ११६१, सक्रमण ४.८६ अ, नैमित्तिक दुःख-दुःख २ ४३४ ब ।
स्थितिसत्त्व स्थानो का अल्पबहुत्व ११६५ ब। नैमित्तिक व्युत्सर्ग व्युत्सर्ग ३ ६२३ ब ।
नोक्षेत्र--क्षेत्र २१९१ अ, २.१६२ अ नैमिष-विद्याधर नगरी ३ ५४५ ब ।
नोगौण्य नाम-उपशम १४३७ अ। नमिष-२३६० ब।
नोगौण्यपद-उपक्रम २.४१६ ब, पद ३५ अ । नैयायिक दर्शन - एकान्त १.४६५ अ-ब । जीवविषयक
नोजीव-२३३३ ब' २.३३४ अ। मत २३३६ ब, दर्शन २४०३ अ ।
नोत्वचा-२४०१ब । नवेध-पूजा ३७८ ब ।
नोविशिष्ट-ओम १४७० अ । नैषध-२६३० ब, मनुष्यलोक ३२७५ ब ।
नोससार- अनुप्रेक्षा १७८ अ, ससार ४१४६ ब । नष्कर्म्य-वेदान्त ३५६५ ब ।
नोसर्वविभक्ति-अनुयोग द्वार ११०३ ब । नैष्ठिक ब्रह्मचारी-३ १६४ ब ।
नौ-अनुदिश ४५१० अ, केवललब्धि ३४१२ अ, कोटि नैष्ठिक श्रावक-२६३० ब, श्रावक ४४८ ब, ४५० अ।
शुद्ध आहार ११२१ अ, १२१२ ब, कोटिशुद्ध नैसगिक मिथ्यात्व-एकान्त १४६४ अ, मिथ्यादर्शन
ब्रह्मचर्य ३१८६ ब, ग्रंवेयक ४.५१० अ, तत्व ३.३०० ब, ३.३०१ अ।
२३५३ ब, ४३५६ ब, देवता २४४४ ब, नारद नैसर्प-२६३० ब, चक्रवर्ती ४१४ ब ।
४२१ अ, नारायण ४.१८ अ, निधि-चक्रवर्ती नो-२६३० ब।
४१४ ब, समवसरण ४३३१ अ। पदार्थ ३८ अ, नोआगम-२६३० ब, आगम १२२८ अ, क्षेत्र २.१६२
३.२१८ अ, ४.३६० अ, पूर्वधर ४३६ अ-ब, प्रतिब, निक्षेप २.५६६ अ, २६०५ ब ।
नारायण ४२० अ, बलदेव ४.१६ अ, सहनानी नोआगम द्रव्य-अनत १५५ ब, अन्तर १३ ब, उपशम २२१६अ।
१.४३७ अ, काल २८१ब, निक्षेप २५६९ ब, नौका-विहार (आरोहण) ३५७४ ब । सामायिक ४४१६ अ।
नौकार मन्त्र-३.२४७ अ। नो-आगम द्रव्य भाव- अनन्त १५५ ब, अन्तर १.३ ब, नोकार धावकाचार-२६३१ अ, इतिहास १३४१ अ।
उपशम.१.४३७ अ, कर्म २.२६ अ, काल २.८१ब, न्यग्रोधवृक्ष-ऋषभनाथ २.३८४, चैत्य-चैत्यालय जीव २.६०५ ब, पाहुड ३१५६ ब, बधक ३ १७६अ, २२०३-३०४, पृथिवीस्वरूप ३ ५७८ ब।
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