Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 163
________________ पथिवीकायिक जीव प्रकृतिबध ४२००, सख्या ४१००, क्षेत्र २२०१, स्पर्शन नियतिवाद २.६१८ अ, परतत्रवाद ३.१२ अ । ४.४८३, काल २१०६, अन्तर ११२ भाव ३२२० पौरुषेय---३ ८५ ब, आगम १२३८ अ । ब, अल्पबहुत्व ११४५। पौलोम-हरिवंश १३३६ ब । पथिवीकायिक जीव-३८३ ब, ३८४ अ, अवगाहना पौलोमपुर-३ ८५ब, ३ २७६ अ । ११७६, आयु १२६४, जीव २३३३ ब, जीवसमास । पौष्टिक आहार-१२८८अ। २.३४३ काय २४४, वनस्पति ३ ५०६ अ, स्थावर प्र-प्रतरागुल की सहनानी २.२१६ ब । ४४५३-४५४ । प्रकरण-अनुयोगद्वार ११०२ अ। पथिवीकायिक-वृक्ष कमल ३३७८ ब। चैत्यवृक्ष प्रकरणसम-न्याय २.६३३ ब । ३ ५७६ ब। प्रकरणसम जाति ३.८५ ब । पथिवी कोंगणि--३८५ अ । प्रकरणसम हेत्वाभास-३.८५ ब । पथिवी-जीव--३ ८४ अ। प्रषिणी-विद्या ३.५४४ अ। पृथिवीनाथ- कुरुवश १३३६ अ । प्रकाम—भावि शलाकापुरुष ४ २६ अ। पथिवीपाल--३८५ अ । प्रकार -३.८५ ब। पथिवीपुर-चक्रवर्ती ४१० ब, प्रतिनारायण ४२० ब । प्रकाश-३८६ अ, सल्लेखना ४.३८६अ। पृथिवीपुरी-बलदेव ४१६ ब । प्रकाशन-सल्लेखना ४३६० ब । पृथिवीमडल-३.८४ ब । प्रकाशवृत्ति-दर्शन २४०६ ब । पथिवीरेखा-क्रोध २३८ अ। प्रकाशशक्ति-३.८६ अ। पृथिवीर्षणा–तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ २ ३८० । प्रकाश्य-प्रकाशक भाव-आगम १.२३३ ब, मबध ४.१२६ पृथिवीसिंह- ३ ८५ अ। अ। पथ-३.८५ अ, कूरूवश १.३३५ ब, १.३३६ अ, यदुवश प्रकीर्णक-३ ८६ अ । नरकबिल-निर्देश २५७६ ब, १.३३७ । विस्तार २५७८ ब, अफन ३४४१। सख्या २५७८ पृष्ठ-धनुष पृष्ठ निकालने की विधि गणित २२३३ अ । अब स्वर्ग विमान-निर्देश ३ ५६३ अ, अकन ४५१७, पृष्ठक-३८५ अ । स्वर्ग पटल-निर्देश ४.५१७, विस्तार सं. ४ ५२० । ४५१७, अकन ४५१६ ब, देव आयु १२६७ । प्रकीर्णक तारे-३८६ अ। ज्योतिषदेव प्ररूपणा-बन्ध पेज्ज-सुख ४.४३० ब । ३१०२, बन्धस्थान ३.११३, उदय १३७८, उदयपेय-३८५ अ। स्थान १३९२ ब, उदीरणा १४११ अ, सत्त्व ४२८२, पेशि-३८५ अ, औदारिक शरीर १४७२ अ। सत्त्वस्थान ४.२६८, ४३०५, त्रिसयोगी भग १४०६ पैसठ-पणट्ठी की सहनानी २२१८ ब । ब । सत् ४१८८, संख्या ४.१७, क्षेत्र २१६६, स्पर्शन पप्पलाद--३८५ अ, अज्ञानवादी १३८ ब, एकाती १४६५ ४४०१, काल २१०४, अन्तर ११०, भाव ३२२० ब। अ, अल्पबहुत्व १.१४५ । पैशून्य - ३ ८५ अ। प्रकीर्णक देव-३.८६ अ, ज्योतिष-निर्देश २३४६ अ, पोत-३ ८५ अ। आयु १२६६ ब, भावन-निर्देश ३.२०६ अ, आयु पोतकर्म--कर्म २.२६ अ, निक्षेप २५६८ अ। १२६५, वैमानिक-निर्देश ४५१३, देवियो की पोदन-३८५ ब । ३ २७६ अ । गणना ४५३, देव आयु १२६६, देवी आयु १.२७०, पोदनपुर-नारायण ४१८ ब, बलदेव ४१७ . व्यन्तर-निर्देश ३६११ ब, आयु १२६४ ब । पोन्न-३ ८५ ब, इतिहास १.३३० ब । प्रकुब्जा-तीर्थकर अजितनाथ २.३८८। पौण्ड-मनुष्यलोक ३ २७५ अ, यदुवश १ ३३७, वैदिकाभि- प्रकर्वी-३८६अ। मत देश ३.४३२ अ । प्रकृति-३.८६ अ, गुण २२४० अ । पौर-३.८५ ब । प्रकृति-उदय-१.३६५ ब । पौराणिक राजवंश---इतिहास १३३५ अ। प्रकृति-द्युति-यदुवंश १३३७ । पौरुषवाद- एकान्त १.४६५ अ-ब, दैववाद २६१७ अ, प्रकृतिबंध- ३.८६ अ, ३८७ब, ईर्यापथ कर्म १.३५० ब. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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