Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 173
________________ फलकमय सस्तर फलकमय सस्तर संस्तर ४ १५३ व 7 फलचारण ऋद्धि - ऋद्धि १४४७, १४५३ अ । फलत्याग - अनशन १.६६ अ, उपदेश १४२४ ब, तप २३५८ व २३६० अ, नि काक्षित २.५८५ ब, २५८६ अ, राग ३.३६७ अ । फलदशमी व्रत - ३.१६७ अ । फलदान - उदय १३६६ १.४१३ अ । अत्र १३६७ अ उदीर्ण फलरस - रस ३ ३६२ ब । फलराशि - ३१६७ अ । फलाकांक्षा अनशन १.६६ अ, उपदेश १ ४२४ व तप २.३५८ व २.३६० अ नि काक्षित २५८५ व २५०६ अ, राग ३ ३६७ अ । फलेच्छा -- दे. फलाकाक्षा । फालि - अपकर्षण १११७ अ, काण्डक २४१ ब । फालि संक्रमण - सक्रमण ४ ८४ अ । फाहियान २.१६७ अ । फिलिप्स - ३१६७ अ । - १६७ कुसी - कायक्लेश २४७ ब । फूई - भक्ष्याभक्ष्य ३.२०२ ब, ३२०३ अ । फूलदशमी व्रत ३१६७ अ । फेनमालिनी - ३.१६७ अ विमगा नदी -निर्देश ३४६० अ नामनिर्देश ३ ४७४ ब विस्तार ३४५९, ३.४६०, अकन ३ ४४४ (चित्र १३), ३.४६४ के सामने (चित्र ३७) । फोड़ा - कायक्लेश २४७ ब । फ्रेंच लाग- गणित २२२५ अ । ब बंग-३१६७ अ मनुष्यलोक ३२७५ व । बगाल --- मगधदेश १ ३१० ब । बंदर तीर्थंकर अभिनंदननाथ २३७९ । बंध -- ३.१६७ ब, अहिसा व्रत १.२१६ अ । बंध ( कर्मबध ) - ३.१६८ व अध्यवसान ( परिग्रह) ३२८ Jain Education International ब, अन्तर १.२३, अल्पबहुत्व १.१६४ ब, १४१७५, आसव १२८३ ब ईथ कर्म १.३४९ ब उदय बधहेतु १३६८ अ-ब उपयोग १४३२ अ एकसमयिक स्थिति ४.४५५ व करण दशक २६, गति व आयु बन्ध में अन्तर १२५४ अ, गुणस्थान (करण दशक ) २६ परिग्रह ३२८ व युति ३३७३ ब रागादि ब, ३१७४ रागाध (उपयोग ) १४३२ अ व्यवहारचारित्र २. २१० अ, व्यवहार धर्म २४७४ व शुक्लध्यान ४ ३४ अ, सङ्क्रान्ति ४३५८ अ । बध (प्ररूपणा ) -- प्रकृति ३८८ अ स्थिति ४४५७ में, ४४६०, अनुभाग १८८-६०, १९४ ब प्रदेश ३१३६, बन्ध ३६७, अन्तराय कर्म १२८ अ, आयुकर्म १२५४ अ १२६२ व बग्धस्थान ३१०८, उदय १३६८ अ, उदयस्थान १३८७, उदीरणा १.४११ अ उदीरणास्थान १.४१२, सब ४२७६, सरवस्थान ४२८७, त्रिसंयोगी भग १३६६-४०८, सक्रमण ४८४ अ अबहुत्व ११६४ १७६ । बंध- अपसरण - अपकर्षण १११५ अ, १११७ अ, काण्डक २४२ अक्षय २१७१ व २१५० अ । बंध- उदय सत्त्व त्रिभंगी - इतिहास १ ३४४ ब । बंधक ३ १७८ ब । बंधन - नामकर्म-प्रकृति- ३१७६ अ प्ररूपणा - प्रकृति ३८६२५८३, स्थिति ४४६३, अनुभाग ११५, प्रदेश ३१३७, बन्ध ३.१७, बन्धस्थान ३११०, उदय १.३७४, उदयस्थान १३९०, उदीरणा १ ४११ अ, उदीरणास्थान १.४१२, सत्व ४२७८ सत्त्वस्थान ४३०३, त्रिसयोगी भग १४०४, संक्रमण ४८५ अ अल्पबहुत्व ११७१ व । बंधन बद्धत्व - ३ १७६ ब । बंधनीय वेदना २.५९० व बंधपरिणाम आयुबन्ध योग्य १ २५४ अ मोहनीय बन्ध योग्य ३ ३४४ अ । बंधयोग्य प्रकृति - ३१० अ बध-विधान - ३.१७६ ब । बंध- वेदना -- अल्पबहुत्व ११७६ । बंध- समुत्पत्तिक - अनुभाग सत्कर्म स्थान १ ६१ व सत्त्व का अल्पबहुत्व ११६५ ब । बंधस्थान ३१७९ व अनुभाग १८१ व, आयु १२५६ स्थितिबन्ध अल्पबहुत्व अ, प्रकृतिबन्ध ३१०८, १.१६४ ब । बंधस्पर्श - स्पर्श ४.४७६ अ । बंधस्वामित्व इतिहास १३४१ अ १३४५ अ । बंधहेतु उदय (मोहज भाव ) १४०८ व बन्ध २ १७५ अ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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