Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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निश्चय-साधु
१३७
नीचकुल
निश्चय-साधु-४४०६अ।
का अल्पबहुत्व १.१६५ ब। निश्चय-स्तवन-३ १६६ ब।
निषेकहार--२ ६२६ अ, गणित २.२३० ब । निश्चय-स्थितीकरण-४.४७० अ।
निषेध---२६२६ अ, अनेकान्त ११०९ अ, गौणता ४.४६६ निश्चय-स्वाध्याय-४.५२३ अ ।
ब, निर्वेद २६२७ ब, सप्तभगी ४.३१८ ब, ४.३१६ निश्चय-हिंसक-१.२१६ अ।
ब, सापेक्ष धर्म ११०६ अ, ४३१८ ब, स्याद्वाद निश्चय-हिंसा-४५३२ अ, ब ।
४४६८ अ, ४.४६६ ब, ४५०० व। निश्चयाचार-ज्ञानाचार १२४० ब, चारित्राचार १.२४० निषेधसाधक हेत-४५४० ब ।
ब, तप चार १.२४१ अ, दर्शनाचार १.२४० अ, निषेधिका- समाचार ४३३६ ब, ४.३३७ अ। वीर्याचार १.२४१ अ।
निष्कंप-यदुवश १.३३७ । निश्चयावलबी-४४०६ अ ।
निष्कल-ध्यान ३ ३३६ अ, परमात्मा ३२० अ । निश्चल-२६२८ अ. ग्रह २ २७४ अ ।
निष्कषाय--२५८५ ब, तीर्थकर २३७७ । निश्चल चित्त-सामायिक ४४१५ ब ।
निष्कांक्षित-२.५८५ ब, २५८६ अ, तप २३५७ ब, निश्चित विपक्षवृत्ति-व्यभिचार ३६१६ ब ।
२.३६० अ, शास्त्रश्रवण ४.७५ ब । निषण्ण-निषण्ण-व्युत्सर्ग--३६२० अ।
निष्कांक्षित अनशन -१.६५ ब, १६६ अ । निषद्य-सल्लेखना ४३६६ ब ।
निष्काम-(दे० निष्काक्षित)। निषद्यका-कृतिकर्म २१३६ अ ।
निष्कुट क्षेत्र-क्षेत्र २१६२ ब, विग्रहगति ३.५४१ ब । निषद्या-क्रिया-मन्त्र ३ २४७ अ, सस्कार ४.१५१ अ।
निष्क्रांति क्रिया-सस्कार ४.१५२ अ। निषद्यापरिषह--२.६२८ अ, चर्या २.२७६ अ, परिषह।
निष्क्रिय परमाणु-३.१५ ब । ३.३३ ब, ३.३४ अ।
निष्क्रियत्व शक्ति-२६२६ अ। निषध-निषध कट का रक्षक देव २६२८ ब, यवश निष्ठीवन-आहारान्तराय १.२६ ब, व्यत्सर्ग दोप ३ ६२२
अ। निषधकूट-२.६२८ ब । तिगिंछ द्रह का-निर्देश ३.४७४ निष्ठुर -समिति ४३४० अ।
अ, विस्तार ३.४८३, अकन ३४५४ । निषध पर्वत निपत्ति-२६२६ अ। का-निर्देश ३ ४७२ अ, विस्तार ३.४८२, ३.४८३, निष्पन्न योगी-धर्मध्यान २४६४ अ, योगी ३३८६अ।
४८६, अमन ३.४४४ । सुमेर के वनो मे निष्परिग्रह-अचेलकत्व १४० अ, ब, अहिंसा १२१७ अ. -निर्देश ३.४७३ ब, विस्तार ३.४८३, अकन चारित्र २२९४ ब ।
निष्पाप-तीर्थंकर २३७७ । निषधग्रह-२ ६२८ ब। दवकुरु उत्तरकुरु-निदंश निष्पिच्छ संघ-२६२६ अ, जैनाभासी सघ १.३१६ अ, ३ ४५६ ब, नाम निर्देश ३ ४७४ अ, विस्त र ३ ४६०,
इतिहास १३२१ ब । ३ ४६१, अंकन ३ ४४४, ३ ४५७, ३ ४६४ के सामने निसर्ग-२ ६२६ अ, अधिगम १५० व । (चित्र सं० ३७)।
निसर्ग क्रिया-क्रिया २१७४ ब । निषधपर्वत-२६२८ अ, निर्देश २ ४४६, विस्तार ३४८२, निसर्ग:ज-२६२६ ब, अधिकरण १४६ अ-ब, १५० अ, ३.४८५, ३ ४८६, अकन ३४४४ के सामने, ३.४६४
ज्ञान १५१ ब, सम्यग्दर्शन १५० ब । के सामने, वर्ण ३ ४७७ ।
निसर्गाधिकरण-१४६ अ-ब, १५० अ। निषाद-२६२८ ब, स्वर ४ ५०८ ब ।
निसही- असही १२०६ अ, साधु ४.४०४ ब । निषिक्त-२.६२८ ब।
निसीधिका-असही १२०६अ। निषिद्धिका-२६२८ ब, श्रुतज्ञान ४.६६ ब ।
निस्तरण-२.६१९ ब। निषिधिका-२६२८ ब, सल्लेखना ४.३९७ अ ।
निहत शत्रु-हरिवंश १३४० म । निषेक - २.६२८ ब । रचना-उदय १.३६८-३७१, स्थिति निहार-तीर्थंकर २.३७३ ब, देवगति २.४४६ अ#
४.४५८ अ । अपकर्षण १.२६ ब, उदय १.३६६ अ। नीच-२.६२९ ब । समयप्रबद्ध का अल्पबहुत्व १.१७१ अ, स्थितिबन्ध नीचकुल-वर्णव्यवस्था ३.५२० ब ।
१.३३७।
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