Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 110
________________ तापन तपोद्योत विस्तार २५७६ ब, अंकन ३.४४१। नारकी- तमालपत्र-कर्मसंयोग २.७१ ब । अवगाहना १.१७८. अवधिज्ञान ११६५, आयु तमिल वेद-२.३६५ ब। १२६३ । तमित्र -२३६५ अ। नरकपटल -निर्देश २.५८० अ. तपोधोत-१४१४ । विस्तार २५८० अ, अकन ३ ४४१ । तपोनिधिवत--२.३६४ अ । तमिस्रा-२ ३६५ अ, चक्रवर्ती द्वारा गुफा का भंग तपोवृद्ध-सगति ४.११६अ। ४.१५ ब । तपोशुद्धिव्रत-२.३६४ ब । तमो-२३६५ अ । नरकपटल-निर्देश २.५८० अ, तप्त-२.३६४ ब, नरकपटल-निर्देश २ ५७९ ब, विस्तार विस्तार २५८० अ, अकन ३४४१ । नारकी २.५७६ ब, अंकन ३.४३६, ३.४४१। नारकी-- अवगाहना ११७८, अवधिज्ञान १.१६८, आयु अवगाहना ११७८%; अवधिज्ञान ११६८, आयु १२६३। १२६३ । वैदिकाभिमत नरक ३४३३ । तमोरदशमी व्रत-२.३६५ अ । तप्त-ऋद्धि-~१४४७; १४५४ ब । तरक-नरकपटल-निर्देश २ ५७६ ब, विस्तार २५७६ तप्तजला-२३६४ ब, विभंगा नदी-निर्देश ३४६० अ, ब, अंकन ३ ४४१ । नारकी-अवगाहना ११७८, नामनिर्देश ३४७४ ब, विस्तार ३.४८६, ३४६०, अवधिज्ञान १.१६८, आयु १२६३ । अकन ३ ४४४,३ ४६४ के सामने । तरुण-वृद्ध ३.५८१ अ । तम प्रभा-२३६४ ब। नरक पृथिवी-निर्देश २.५७६ तरुणसंसर्ग-संगति ४११८ ब । अ, विस्तार २.५७६, २५७८, अकन ३ ४४१, पटलो तरेप्पन-श्रावक की क्रियाये ४ ५१ ब । के नाम २५८० अ, नारकी-अवगाहना ११७८, तरेप्पन क्रिया व्रत-२४०१ अ । अवधिज्ञान १.१६८, आयु १२६३ । वैदिकाभिमत तरेसठ - श्लाकापुरुष ४.६ ब । नरक 'तमस' ३४३३। तरेसठ श्लाकापुरुष चरित्र-२४०१ अ। तमःप्रभा (प्ररूपणा)-बन्ध ३.१००, बन्धस्थान ३ ११३, तर्क-२.३६५ अ, अनुभव (प्रामाण्य) १८२ ब, अविना उदय १३७६, उदयस्थान १३६२ ब; उदीरणा भाव १२०२ ब, आगम (प्रामाण्य) १२३६ अ, ऊहा १४११ अ, सत्त्व ४२८१, सत्त्वस्थान ४.२६८, १४४५ ब, न्याय २ ६३३ अ-ब, पद्धति (अभिप्राय) ४.३०५, त्रिसयोगी भंग १४०६ ब। सत् ४.१७० ३६ब, मतिज्ञान ३ २५४ ब, स्वभाव ४५०७ अ । सख्या ४६५, क्षेत्र २.१६७, स्पर्शन ४.४७६, काल तकौमदी-३६०८ अ। २१०१, अन्तर १८, भाव ३.२२० अ,,अल्पबहुत्व तर्कविरुद्ध-आगम (अप्रामाण्य) १२३६ ज । ११४४॥ तर्कसंगति-आगम (प्रामाण्य) १२३६ अ। तम-२३६४ ब। नरकपटल-निर्देश २.५८० अ, तर्कसग्रह-वैशेषिक दर्शन ३६०८ अ। विस्तार २५८० अ, अकन ३४४१। नारकी- तर्कातीत-अनुभव १९१ब, आगम १२३७ व । अवगाहना ११७८, अवधिज्ञान ११६८; अकन तर्कामत-वैशेषिक दर्शन ३.६०८ अ। ३.४४१ । वैदिकाभिमत नरक ३ ४३३ । जित-२३६५ ब । व्युत्सर्ग का द्वेष ३.६२३ अ। तमक-२.३६४ ब। नरकपटल-निर्देश २५८० अ, तलवर-२.३६५ ब । सम्यग्दृष्टि (तस्कर) ४.३७८ ब । विस्तार २.५८० अ, अकन ३ ४४१ । नारकी-अव- तस्कर-सम्यग्दृष्टि ४३७८ ब। गाहना ११७८, अवधिज्ञान १.१६८, आयु १२६३। तात्पर्यवत्ति-२.३६५ ब, अभयनन्दि ११२७ अ, इतिहास तमका-२ ३६५ अ। नरकपटल-निर्देश २.५८० अ, १.३४४ अ। विस्तार २५८० अ, अकन ३.४४१। नारकी-अव- तादात्म्य संबंध- २.३६५ब, समवाय ४.३३४ अ। गाहना १.१७८, अवधिज्ञान १.१९८, आयु १.२६३ । ताप-२.३६५ ब, सुख (तृष्णादु.ख) ४.४३० । तमकी-नरकपटल-निर्देश २५८० अ, विस्तार २५८० तापन-२.३६५ ब। नरकपटल-निर्देश २.५७९ ब, अ, अकन ३.४४१ । नारकी-अवगाहना १.१७८, विस्तार २.५७६ ब, अंकन ३.४४१। नारकीअवधिज्ञान १.१६८, आयु१२६३ । अवगाहना १.१७८; अवधिज्ञान १.१६८ आयु! तमसा-२३६५ अ, मनुष्यलोक ३२७५ ब । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307