Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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दामोदर (ब्रह्म)
दिगोषध दामोदर (ब्रह्म)-- इतिहास १.३३३ ब, १.३४४ अ। दिगवलोकन-व्युत्सर्ग दोष ३.६२२ अ। दायक दोष-२,४२८ ब, आहार १२६१ ब, वसतिका दिगिंद्र-इन्द्र १.२६ अ । ३.५२६ ब, सूतक ४.४४२ ब, ४.४४३ अ।
दिग्गजेंद्र-२.४२८ब, मध्यलोकवासी देव ३.६१३ ब, वारिका-३ १९२ अ।
देवकुरु उत्तरकुरु के पर्वत-निर्देश ३.४४५ अ, हार- अनुभाग शक्ति १.६१ ब, १.६३ ब, १.९४ अ,
३.४५६ ब, नामनिर्देश ३४७१ ब, विस्तार ३.४८३, मान कषाय २.३८ अ, यदुवंश १३३७ ।
३.४८५, ३४८७, वर्ण ३४७७, गणना ३४४५ अ, दारुक-यदुवश १.३३७ ।
अकन ३४४४, ३४५७, ३४६४ के सामने । रुचकवर दारुवेणि-२४२८ ब, मनुष्यलोक ३२७६ अ।
पर्वत का कूट तथा देव - निर्देश ३ ४६६ ब, ३ ४७१, दार्शनिक श्रावक-दर्शन प्रतिमा २४१७ ब, श्रावक
अकन ३४६८, ३ ४६६ । ४४६ ब ।
दिग्नाग-२४२८ ब । दासत्व--वात्सल्य ३ ५३२ ब ।
दिग्पट चौरासी -२४२६ अ, इतिहास १.३४७ ब । दासी-२४२८ ब, ब्रह्मचर्य ३.१९२ अ, स्त्री ४४५० ब ।
दिग्वसतिका-चक्रवर्ती ४१५ अ । दिक-२४२८ ब।
दिग्वास - श्वेताम्बर ४७८ अ । दिक् इंद्र-१.२६६ अ।
दिग्वासी देव -- व्यन्तर देव- आयु १२६४ ब । विक्कमार (देव)-२४२८ ब । भवनवासी देव-निर्देश ३२१० ब, नाम निर्देश ३ २०८ अ, अवगाहना
दिग्विजय-२४२६ अ, चक्रवर्ती ४१५ ब, नारायण ११८०, अवधिज्ञान १.१९८, आयु १२६५, अव
४२० अ।
दिग्वत -२४२६ अ, देशव्रत २४५१ अ। स्थान ३.२०६ब, ३.४७१, ३.६१२, ३६१४ । इद्र--- निर्देश ३२०८ अ, शक्ति आदि ३२०८ ब, परिवार
दिन-२.४२६ ब, कालप्रमाण २२१६ अ, उत्पत्ति का,
कारण सूर्य की गति २ ३५१ अ, रात्रिभोज (दिवा३ २०६अ। दिक्कूमार देव--प्ररूपणा-बन्ध ३१०२ बन्धस्यान
मथुन त्याग) ३४०३ अ। ३.११३, उदय १३७८, उदयस्थान १.३६२ ब, दिनकर-हस्त नक्षत्र २ ५०४ ब । उदीरणा १.४११ अ, सत्त्व ४२८२, सत्त्वस्थान दिनप्रतिमा- कायक्लेश २४८ अ । ४२९८,४.३०५, त्रिसंयोगी भंग १४०६ ब । सत् दिवस-कालप्रमाण २२१६ अ, उत्पत्ति का कारण ४१८८, संख्या ४६७, क्षेत्र २१६६, स्पर्शन ४.४८१, सूर्य की गति २३५१ अ, मैथुनत्याग ३ ४०३ अ । काल २.१०४, अन्तर १.१०, भाव ३२३१ अ, अल्प- दिवाकरनंदि-२४२६ ब, देशीय गण १३२४ ब । बहुत्व १.१४५।
दिवाकर सेन-२४३० अ, सेनसघ १३२६ अ, इतिहास विक्कूमारी-२४२८ ब, मध्यलोक में अवस्थान ३.६१४ १३२८ ब, १३२६ अ।
अ, रुचकवर पर्वत पर -निर्देश ३.४६६ ब, नाम दिवा-भोजन - रात्रि-भोजन ३४०२ ब । ३४७६ अ, अंकन ३.४६८, ३४६६। सुमेरु पर्वत दिवा-मैथुन-त्याग-रात्रि भोजन ३ ४०३ अ । पर-निर्देश ३.४५० अ, नाम ३.४७३ ब, अकन दिव्य -अनूदिश स्वर्ग का विमान-निर्देश ४.५१६ अ, ३ ४५१ ।
अंकन ४५१५, ४५१७ देव की आयु १२६६ । दिक् वास-२४२८ ब, ३.४७४ ब ।
दिव्यकला-मोक्षमार्ग ३ ३३६ अ। विक स्वस्तिक-रुचकवर पर्वत का कूट-निर्देश ३.४७५ दिव्यतिलक २४३० अ, विद्याधर नगरी ३५४५ ब । अ, विस्तार ३.४८७, अंकन ३.४६६ ।
विध्यध्वनि--२.४३० अ, अर्हन्तातिशय १.१३७ ब, ओम दिगंतरक्षित - २.४२८ ब, लौकान्तिक ३.४६३ ब ।
१.४६९ ब, आगम १२२८ ब, श्रुतकेवली (प्रतिपाद्य) विगंतर गति-जीव की २.२३५ ब ।।
४.५६ अ। दिगंबर-२.४२८ ब, अचेलकत्व १.३९ ब, चैत्य चत्यालय दिव्यपाव-तीर्थकर ३३७७ ।
(प्रतिमा) २.३०१ब, श्वेताबर ४.७८ अ, ४.७६ अ, दिव्ययोजन-२४३३ ब, क्षेत्रप्रमाण २२१५ ब । ४.८० अ।
दिव्यवाद-तीर्थंकर २.३७७ । दिगंबर संघ-जैन १.३१५ ब, १.३१८ अ, जैनाभासी दिव्या-जाति २३२६ ब। १.३१६ ।
दिव्यौषध-२४३३ ब, विद्याधर नगरी ३.५४५ ब ।
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