Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 139
________________ निखंडित निखंडित प्रत्याख्यानं ३.१३१ ब । निगमन - २.६०६ ब अनुमानावयव १.१०१ अ न्याय २.६३३. ब । निगमनाभास - २.६०६ ब । निगूढतर्क - २.६० ६ व । निगोद -- २.६०६ ब, निर्देश ३.५०३-५०५, ३.५०८-५१०, अप्रतिघाती १.२२३.ब, अवगाहना १.१७८, क्षीण कषायी का शरीर २.१८७ अ जन्म २.३१७ ब, जीव समास २.३४२, देव शरीर २.४४६ अ, नारकी शरीर २.५७३ ब मरण ३.२८०, मोक्ष २.३१७ ब ३. ३२५ अ, वनस्पति ३.५०३ ब, ३ . ५०५, ३.५०६ ब ३. ५०६ अ, ३.५१० अ वेदना ३.५६१ अ । निग्रह - २.६०६ ब, उपकार १.४१५ ब, गुप्ति २.२५० ब । निग्रहस्थान - २६०६ ब, अज्ञान १.३८ अ, न्याय २.६३४ ब, ३.६३५ अ, प्रयोज्य २.६३४ब, वितण्डा ३. ५४३ अ । निघंटु — २.६०७ अ । निचली कृष्टि - २.१४१ अ । निज - अनुकम्पा १.६६ अ, उपकार १.४१४ ब, १.४१५, अहिंसा १.२१६ ब, तत्त्व ३.१२ ब । निजगणानुपस्थापना - परिहार प्रायश्चित ३.३५ ब । निजात्मज्ञान विमुखता - मिथ्याज्ञान २.२६३ अं । निजात्माष्टक - २.६०७ अ । निजाष्टक - २.६०७ अ इतिहास १.३४१ अ । नित्य - २.६०७ अ, आगम १.२३८ ब, उपादान १.४४३ ब, द्रव्य २.४५६ ब पदार्थ प्राप्ति (मोक्षमार्ग) ३.३३६ अ, व्युत्सर्ग ३.६२३ ब, सापेक्षधर्म १ १०६ अ, ४.३२३ ब मरण ३.२८० अ । नित्यक्रिया - २१३८ अ । नित्यत्व - उत्पादादि १.३५८ अ-ब, सापेक्षधर्म १.१०६. अ, १. १११ अ, ब, ४.३२३ ब, स्याद्वाद ४.४६८ अ । नित्यनय - २.५२३ अ । नित्यनिगोद-निर्देश ३.५०३, जीवसमास २.३४२ । नित्यमह—- पूजा ३.७४ अ । नित्यमहोद्योत - २.६०७ ब इतिहास १.३४४ ब । नित्यरसी व्रत - २.६०७ ब । नित्यवाद - एकान्त १.४६५ ब । नित्यवाहिनी - २.६०७ ब, विद्याधर नगरी ३.५४५ . ब । नित्यसमाजाति - २.३०८ अ । नित्यानंद - मोक्षमार्ग ३.३३६ अ । नित्यानित्य — उत्पादादि १.३६१ ब । Jain Education International निमित्त नित्यालोक - २.६०८ अ, रुचकवर पर्वत का कूट - निर्देश ३.४०६ अ विस्तार ३.४५७, अंकन ३.४६८, ३.४६६ । नित्योद्योत - २.६०८ अ, रुचकवर पर्वत का कूटन - निर्देश ३.४७६ ब वि.तार ३.४८७, अंकन ३.४६८, ३.४६६ । विद्याधर नगरी ३.५४५ ब । नित्योद्योतिनी - विद्याधर नगरी ३.५४५ ब । निदर्शन - २.६०८ अ । निदाघ - २.६०८ अ नरकपटल-निर्देश २.५७६ ब विस्तार २.५७६ ब, अंकन ३.४४१ । नारकी - अवगाना १.१७८ अवधिज्ञान १.१६८, आयु १.२६३ । निदान - २.६०८ अ, आर्त्तध्यान १.२७४ अ नारायण ४.२० ब, मिथ्यादृष्टि ३.३०६ अ, शल्य ४.२६ ब । निद्रा - २.६०८ ब, कृतिकर्म (साधु) २.१३७ ब । निद्रा कर्मप्रकृति - प्ररूपणा - प्रकृति ३.८८, २.४२०, स्थिति ४.४६०, अनुभाग १.९५, प्रदेश ३.१३६ । बन्ध ३.६७, बन्धस्थान ३.१०६, उदय १.३७५, उदयस्थान १.३८७, उदीरणा १.४११ अ, उदीरणास्थान १.४१२, सस्व ४.२७८, सत्त्वस्थान ४.२९४, त्रिसंयोगी भंग १.३६६ । संक्रमण ४.८५ अ, अल्पबहुत्व १.१६८ । निद्राद्विक - १.३७४ ब । निद्रा-निद्रा- २.६०८ ब दर्शनावरण २.४२० ब । निद्रा-निद्रा-कर्मप्रकृति - प्ररूपणा - प्रकृति ३.८८ २.४२०, स्थिति ४.४६०, अनुभाग १.६५, प्रदेश ३.१३६ । बन्ध ३.६७, बन्धस्थान ३१०६, उदय १.३७५, उदय की विशेषता १.३७३ ब, उदयस्थान १.३८७, उदीरणा १.४११ अ, उदीरणास्थान १.४१२, सत्त्व ४.२७८, सत्त्वस्थान ४.२६४ त्रिसंयोगी भंग १.३६६ । संक्रमण ४.८५ अ, अल्पबहुत्व १.१६८ । निद्रापंचक -- १.३७४ ब । निधत २.५८ अ, दसकरण २.६, गुणस्थान २.६ अ । निधि - २.६१० अ, गणित सहनानी २२१८ ब, चक्रवर्ती ४.१२ अ, ४.१४ ब । निधुरा - २.६१० अ, मनुष्यलोक ३.२७५ ब । निन्नहुत-संख्याप्रमाण २.२१४ अ । १३३ निबंधन - २.६१० ब । निबद्धमंगल - ३.२४१ ब । निमंत्रण - समाचार ४.३३६ ब, ४.३३७ अ । निमग्ना - २.६१० ब, विजयार्ध की गुफा में नदी - निर्देश ३.४४८ अ, अंकन ३.४४८ अ । निमित्त २.६१० ब अकिंचित्कर २.६६ ब, उपादान २.६९ अ, २.७२ अ, कर्ता - कर्म २.२० ब २.२३ ब For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org

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