Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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देशत्याग
देशत्याग - शुभोपयोग १४३३ ब ।
देशना३ ४१३ अ ।
1
देशनालब्धि ३४१३ अ सम्यग्दर्शन ४.३६२ व । देवप्रकृति विपरिणमना - ३५५५ व
- ।
देशप्रत्यक्ष ३१२२ व ।
देशविरत -४१३४ अ । प्ररूपणा - बन्ध ३६७, बन्धस्थान ३११० १११, उदय १३७५ उदयस्थान १३६२ अ, उदीरणा १४११ अ सत्व ४२७८ सस्वस्थान ४,२८८, ४२६६, ४३०४, त्रिसंयोगी भंग १४०६ असत् ४१६२, सख्या ४९४ क्षेत्र २ ११७, स्पर्शन ४४७७, काल २६६, अन्तर १७, भाव ३२२२ ब, अल्पबहुत्व ११४३ | वि० दे० सयतासयत ।
देशव्रत -- २४५० ब व्रत ३६२८ अ ।
देशप्रत्यासत्ति ४.१४१ अ ।
देशभूषण - २४५० ब अग्निप्रभदेव १३६ ब, नन्दिसंध दोगुणहानि
१ ३२३ ब ।
देशव्रती - दे० सयतासयत ।
देशसयत - काय २४५ ब । वि० दे० सयतासयत । देशसंयम - २३७३ ब । वि० दे० सयतासयत ।
देशसत्य- ४२७१ व
देशस्पर्श - ४४७५ ब ।
देशांश - गुण २२४१ व । देशातिचार देशयत २४५१ अ ।
देशात्मवाद - बहिरात्मा ३१८१ ब । देशावकाशिक व्रत - देशव्रत २४५१ अ । देशावधि
११८७ व १११६-११६ करण चिह्न १.१५१ ब, गुणप्रत्यय ११६३ व भवप्रत्यय ११९३ ब. विषय १.१६८-१६६ । शब्दकोष ४.४ ब । देशी नाममाला इतिहास १२४४ अ ।
देशीय गण २.४५१ व मूलसप १३२२ अ नन्दिस १.३१९ अ पट्टावली १.३२४ व । देशोपशम-सम्यग्दर्शन ४.३६८ व ।
देह - २.४५१ ब, पिडस्थ ध्यान ३५८ ब, विशेष देखिए - शरीर ।
बेहवेवालय पूजा ३.७७ ब । देहप्रमाणत्व शक्ति - शक्ति ४.६ ब बेहरहितता - मोक्ष ३.३३० अ ।
।
वैश्य - विद्या ३.५४४ अ ।
देव - नियति २.६१६ ब, २.६१६ अ ।
वैवनय - २५२३ ब ।
दैववाद - एकान्त - १.४६३ ब, नियति २.६१६ ब ।
११८
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१२७६ व प्रतिक्रमण कृतिकर्म
देवसिक आयोजना २.१३७ वत्स
३६२६ अ ।
देवी मीमामा - दर्शन २४०२ ब ।
दो - २४५१ ब । सहनानी - जघन्य असख्यात, जघन्य संख्यात, जघन्य युक्तासन्यात; उत्कृष्ट परीतासख्यात तथा पर्याप्त २२६६ अ । सूच्सगुल २२१६ ब । दोगुणहानि - गणित २.२३१ ब । बोप्रतिक पाहुड -- पाहुड ३.१५६ ब ।
,
दोय्य (कवि ) - इतिहास १३३३ अब १३४६ व दोलायित २.४५१ व व्यूदोष ३.६२२ व । दोष- २.४५१ ब, अष्टादशदोष ११३७ अ आप्त
आहार १.२५७ अ
चल
१.२४८ अ, १४४४ व. ३. ३०४ अ, द्वेष सम्यग्दर्शन (चल) २.२७६ ब ।
दो सौ छप्पन - सहनानी - उत्कृष्ट
असख्याता सख्यात, जघन्य परीतानन्त; ध्रुव राशि २२१६ अ । वोहापाहुड २४५२ ब इतिहास १२४१ अ १.३४३ अ दौर्भाग्यसुभग दुर्भव ४.४३६ अ
द्रव्य
-
२२७९ व २४६३ अ,
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१.२८१ अ उभव
देव (मिध्यादृष्टि ) न्याय २६३३ ब,
दौलतराम - २.४५१ ब इतिहास - १.३३४ अ, १३४८ अ, द्वितीय १.३३४ व १.२४८ अ ।
द्यानतराय – २४५१ व इतिहास १ ३३४ अ ।
द्यूतक्रीडा - २४५१ ब ।
युति - २४५१ व सूर्य की अग्निदेवी २३४६ अ । तिलक - विद्याधर नगरी ३ ५४५ ब । द्युतिश्रुति - सूर्य की अग्निदेवी २.३४६ अ । द्योत्पयोतक भाव सम्बन्ध ४.१२६ अ । द्रमिल - २४५२ अ ।
विदेश २.४५२ अ ।
द्रविड संघ - २४५२ अ, जैनाभासी सघ १४६५, इतिहास
१३२० अ-ब ।
वाचार्य वेदान्त ३५१५ ब ।
द्रव्य - २.४५२ अ, अनन्त गुण २.२४४ अ, अल्पबहुत्व १.१४२, अवधिज्ञान के विषय ११६७ व अवस्थान १.२२३ अ १.२२४ अ, अविभागी अश (क्षेत्र का प्रमाण २.२१५ अ, उपकार्य उपकारक भाव २.६३ ब उत्पादादि १.३६१ उपचार (गुण-पर्याय आरोप) १.४२१ अ कर्मोदय के निमित्त १.३६७ ब, कारणकाय भाव २५४ ब, २.५५ ब, २६३ ब, दानोपयोगी २.४२७ अ पर चतुष्टय २.२७८ अ, ४.३१९ अ, भेदाभेद (कारक) २५० व लोकाकाश में १.२२४ अ, विकल्पातीत ४.३२० अ सदसत् १.३६१ व
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