Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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धण्णकुमारचरिउ
१२२
धर्मद्रव्य
धण्णकुमारचरिउ-इतिहास १.३४५ ब । धन-२४६३ ब, गणित २ २२२ ब, पदधन-सर्वधन आदि
२२२६ब, दान २४२४ अ। धनकुमारचरित्र-२.४६४ अ, इतिहास १३४४ ब,
१.३४६अ। धनंजय-२४६३ ब, कवि-इतिहास १.३२६ ब, १३४२
अ, यदुवश १.३३७, विद्याधर नगरी ३५४५ ब,
३५४६ अ, विद्याधरवश १.३३६ अ। धनंजय निघण्टु-इतिहास १.३४२ अ । धनद-लोकपाल कुबेर ३४६१ ब । धनव-कलश-व्रत-२४६३ ब । धनदेव-२.४६३ ब । धनपति-२.४६३ ब, अरहनाथ २.३७८ । धनपाल-२४६३ ब, कवि-इतिहास १.३३० अ,
१३४२ अ। द्वितीय-इतिहास १३३२ ब, १.३४५
ब, यक्ष ३.३६६अ। धनपालक--गणधर २२१३ अ। धनप्रभ-राक्षसवश १.३३८ ब। धनमित्र-नारायण ४१८ अ । धनराशि-२.४६३ ब । धनानद-२.४५३ ब, नन्दवश १.३१० ब, १.३१३ । धनिष्ठा-२.४६३ ब, तीर्थंकर २.३८५, वसु नक्षत्र
२.५०४ ब। धनुष-२.४६३ ब, क्षेत्रप्रमाण २ २१५ अ, जीवा प्राण
आदि का क्षेत्रफल २ २३३ अ। धनषपृष्ठ-२४६४ अ, क्षेत्रफल आदि २.२३३ अ। धन्य--२४६४ अ, अनुत्तरोपपादिक १.७० ब । धन्यकुमारचरित्र-२४६४ अ, इतिहास १३४४ ब,
१३४६ अ। धम्मपरिक्खा-इतिहास १३४३ अ, १.३४६ ब । धम्मरसायण-२४६४ अ, इतिहास १३४२ ब । घर-यदुवंश १.३३६ । धरण-२.४६४ अ, तोल का प्रमाण २.२१५ अ, पद्मप्रभ
नाथ २.३८०। धरणा-शीतलनाथ २.३८८। धरणानंद-नागकुमारेन्द्र-निर्देश ३.२०८ अ, आयु
१.२६५, परिवार ३.२०६ अ, निवास ३.२०६ ब।
धरणी-२.४६४ अ, धारणा २.४६१ अ, विद्याधर नगरी
३५४६अ। धरणीतिलक-२.४६४ अ, मनुष्यलोक ३२७६ अ । धरणीधर-२४६४ अ। धरणीवराह-२.४६४ अ, महीपाल ३.२६२ ब । धरणेंद्र-२४६४ अ, विद्याधरवश १३३८ ब । धरसेन - २४६४ अ। मूलसंघ १३१७, १परि०)
२१,२,७,८, १ परि०/१० । मूलसघ विभाजन १३२२ ब । इतिहास १३२८ ब, १३४० अ। पुन्नाट सघ–१३२७ अ, इतिहास १ ३२६ अ । सेनसघ
१३२६ अ, इतिहास १.३३२ ब, १३४५ अ। धराधर-२.४६४ अ, विद्याधर नगरी ३५६३ अ । धर्म (नाम)-बलदेव ४.१६ अ, वासुपूज्य श्रेयासनाथ
२.३८७, विमलनाथ २३६१, श्रुतकेवली १.३१६ । धर्म (न्याय)-पक्ष ३.३ अ। धर्म (पुरुषार्थ)-२.४६४ अ, अनुकंपा १.६६ ब, अनुभव
१८५ ब, अभिप्राय मिथ्यादृष्टि ३ ३०६ ब, अवर्णवाद १.२०१ अ, उपदेश १४२४ अ, उपयोग १४३४ अ, १.४३५ अ, करुणा २१५ अ, कल्कि २.३१ अ, गुप्ति २२५० ब, चारित्र २.२८५ ब, २.२८६ अ, चिदानन्द १८५ब, चैत्य-चैत्यालय २ ३०१ अ, निश्चय १८५ ब, २४७१ अ, पुण्य १.४३५ ब, मिथ्यादष्टि ३ ३०३ अ, ३ ३०४ अ, ३ ३०५ अ, वैराग्य (मिथ्यादृष्टि) ३३०३ अ, व्यवहार २४७१ अ, शुभोपयोग १४३५ अ, श्रावक ४५१ अ, समिति २२५० ब,
सम्यग्दर्शन ४३५६ अ, सुख ४.४३१ ब । धर्म (स्वभाव)--अनन्त २ २४४ ब, अनेकात ११०८ ब
१११, एकान्त १४६० ब, १.४६२ ब, १४६३ अ, गुण २२४० अ, २२४४ ब, २३३७ अ, जीव २३३७ अ, सप्तभगी (सर्वथा) ४३२५ अ, सापेक्ष ११०६, ४.३२२ ब, ४४६८ ब, स्याद्वाद ४४६८ ब,
स्वभाव ४.५०६ अ-ब, ४५०७ ब । धर्म-अनप्रेक्षा-१७५ अ, १७६ ब । धर्मकथा-उपयोग १४२६ ब, कथा २२ अ । धर्मकीति-२४७६ अ, नन्दिसघ १३१३ ब, इतिहास
१३३३ ब । बौद्धाचार्य-इतिहास १.३२६ अ । धर्मचद्र-२४७६ अ, नन्दिसंघ भट्टारक १३३४ अ,
१३२३ ब, इतिहास १३३४ ब । धर्मचक्र--२.४७६ ब, समवसरण ४.३३१ अ । धर्मचक्र व्रत-२.४७६ ब । धर्मदत्तचरित्र--२.४७६ ब, इतिहास १३४६अ। धर्मद्रव्य-अनुभाग १.८८ अ, उत्पादादि १.३६२ ब, उप
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