Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 109
________________ तत्त्वार्थसूत्र वृत्ति तपित तत्त्वार्थसूत्र वृत्ति- इतिहास १.३३२ ब, १.३४४ अ, तन्तुचारण ऋद्धि-१.४४७; १.४५२ च । १.३४५ अ। सप-२.३५७ अ अनशन १.६५ अ, कुलकर ४.२५ अ, तत्त्वार्थसूत्र वृत्तिपद----इतिहास १.३४२ ब । क्षुल्लक २२८६ अ, चारित्र २.२८६ अ, ध्याता तत्त्वार्थाधिगम माष्य-इतिहास १.३४० ब, टीका २.४६३ अ, निर्जरा २६२३ अ, प्रायश्चित्त ३१६१ अ, १.३२६ब। मिथ्यादृष्टि ३३०३ ब, शुमोपयोग १४३३ अ, संवर तत्त्वोपलब्धि--आत्मानुभव १८२२ । २३६२ अ, सम्यक्त्व २३६० ब । तत्परिणत-नोआगमभाव मंगल-२६०६अ। तप-उद्योतन-१४१४ अ। तत्प्रतियोगी-प्रत्यभिज्ञान ३.१२५ अ । तपऋद्धि-१.४४७,१४५३ ब । तत्प्रदोष-२३५७ अ। तप कर्म-निर्देश २.२६ अ-ब; सत् ४२६६ अ, संख्या तत्प्रमाण--प्रमाण ३ १४४ ब । ४.११६ ब, क्षेत्र २.२०८, भाव ३२२३ । तत्सेवी-आलोचना १.२७८ अ । तपकल्याणक-२३२ अ, आहारक शरीर १२६६ ब । तथाकार-समाचार ४३३६ ब । कृतिकर्म २१३६अ। तथाविधत्व-२३५७ अ। तपकल्याणक वन्दना-कृतिकर्म २१३६अ। तदभाव-१.१२८ ब । तपगुरु-नमस्कार २५०५ ब । तदाहृतादान-२.३५७ अ, अस्तेय १.२१३ ब । तपन-२३६४ अ, इक्ष्वाकुवश १३३५ अ । नरक पटलतदिद्रियालोचन-ब्रह्मचर्य ३.१८६अ। निर्देश २ ५७६ ब, विस्तार २५७६ ब, अकन ३.४४१, तदुभय उपक्रम-१४१६ ब । नारकी-अवगाहना ११७८, अवधिज्ञान ११६८, तदुभय प्रत्ययिक अजीवबध-३ १७२ अ। आयु १२६३। तदुभय प्रत्ययिक जीवबंध-३.१७२ अ। तपन (कट)-रुचकवर पर्वत का कूट-निर्देश ३.४७६ अ, तदुभय प्रतिक्रमण-३.११६ ब । विस्तार ३ ४८७, अकन ३ ४६८ । विद्युत्प्रभ गजदन्त तदुभय प्रायश्चित्त-३.११७ अ, ३.१६० ब । का कूट-निर्देश ३ ४७३ अ, विस्तार ३४८३, अकम तदुभय वक्तव्यता-३.४६६अ। ३४४४, ३४५७ । तदुभयसारी ऋद्धि-१.४४८, १.४४६ ब। तपनतापि-२३६४ अ, आकाशोपपन्न देव २४४५ ब । तदुभयाधिकरण-१.४६ अ । तपनीय-२३६४ अ, सौधर्म स्वर्गपटल-निर्देश ४.५१६, तद्भव भरण-३ २८० ल। विस्तार ४५१६, अकन ४५१६ ब। देव-आयु तद्भवस्थ केवली-२.१५७ अ। १२६६। तभाव-सामान्य ४४१२ ब । तपनीय (कूट)---मानुषोत्तर पर्वत का-निर्देश ३.४७५ अ, तद्भाव तदुपचार-१.४२० ब । विस्तार ३४८६ अकन ३.४६४ । तद्विलक्षण-प्रत्यभिज्ञान ३ १२४ ब । तपनीयमयी-सुमेरु की परिधि ३ ४४६ ब । तव्यतिरिक्त आगम उपशम १४३७ अ । तपप्रायश्चित-२.३६४ अ। तव्यतिरिक्त नोआगम-अनन्त १५५ब, विक्षेप २.५६६ तपभावना-३ २२४ ब । ब। तपमद-३.२५६ ब । तद्व्यतिरिक्त नोआगम द्रव्य--अन्तर १.३ ब, कषाय तपविद्या-३५४४ अ । २३५ ब, काल २.८१ब, दोष २.४६३ अ, निक्षेप तपविनय-३५४८ व। २.६०० ब, बन्धक ३ १७६ अ, संयम ३.४१४ ब, तपशद्धि - ४४० ब । सल्लेखना ३७६ अ । तपस्वी-२३६४ अ। तनक-२३५७ अ। नरकपटल-निर्देश २५७६ ब, तपागच्छ - श्वेताम्बर ४७७ ब । विस्तार २.५७६ ब, अंकन ३ ४४१ । नारकी- तपश्चरण-मिथ्यादष्टि ३.३०३ ब । अवगाहना ११७८; अबधिज्ञान १.१९८% आयु तपाचार-१२४० ब । १.२६३। तपाराधना--१.२७१ ब । तनुवात-३५३२ अ, ३.४४० अ, अकन ३.४३६ । तपित-२३६४ अ, नरकपटल-निर्देश २.५७६ ब, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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