Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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खंडोत्कीर्ण काल
गंगा
खंडोत्कीर्ण काल-अन्तरकरण १२६ ब । ख-२२०६ब, अनन्त की सहनानी २.२२१ अ। १६ ख-पुद्गल राशि २.२१६अ। १६ ख ख-कालसमपराशि २.२१६ अ । १६ ख ख ख-आकाशप्रदेशराशि २२१६ अ। खगपुर-बलदेव ४.१७ अ, ४१८ अ। खचर-२.२०६ ब, विद्याधर ३.५४४ ब, ३.४४८ अ खटोलना गीत-इतिहास १३४७ ब । खड-२.२०६ ब । नरक पटल-निदंश २.५८० अ,
विस्तार २.५८० अ, अकन ३४४१ । नारकी
अवगाहना १.१७८, आयु १.२६३ ।। खडखड-२.२०६ ब । नरक पटल-निर्देश २.५८० अ,
विस्तार २.५८० अ, अंकन ३.४४१ । नारकी
अवगाहना १.१७८, आयु १२६३ । खडा-२.२०६ ब। नरक पटल-निर्देश २.५७६ ब,
विस्तार २.५७६ ब, अकन ३.४४१ । नारकी
अवगाहना ११७८, आयु १.२६३ ।। खडिका-२२०६ ब । नरक पटल-निर्देश २.५७६ ब,
विस्तार २.५७९ ब, अंकन ३४४१ । नारकी
अवगाहना १.१७८, आयु १.२६३ । खड्ग-२.२०६ ब, चक्रवर्ती ४१३ अ, मनुष्यलोक
३२७५ अ, विदेह नगरी-निर्देश ३४६० अ, नाम निर्देश ३४७० ब, विस्तार ३४७६-४८१, अकन
३.४४४, ३ ४६४ के सामने, चित्र ३.४६० अ। खड्गपुरी-२२०९ ब, विदेहनगरी-निर्देश ३.४६० अ,
नामनिर्देश ३ ४७० ब, विस्तार ३.४७६-४८१,
अकन ३ ४४४, ३.४६० अ, ३४६४ के सामने । खड्गसेन-२२०६ब, इतिहास १.३३४ अ। खड़गा-२.२०१ब, विदेह नगरी-निर्देश ३.४६० अ,
नामनिर्देश ३ ४७० ब, विस्तार ३.४७६-४८१,
अकन ३४४४, ४६४ के सामने, चित्र ३.४६० अ। खदिरसार-२२०६ ब । खरकर्म-२२०६ब, सावद्य ४.४२१ ब । खरतरगच्छ---श्वेताम्बर गच्छ ४.७७ ब । खरदूषण-२.२१० अ। खरभाग-२.२१० अ, भावन लोक-निर्देश ३३८६ब,
१६ पटल ३.३८६ ब, विस्तार ३.३८६ ब, अंकन ३.२१० अ, ३३८६, ३.४३६, ३४४१, चित्र ३२१० अ । भावन लोक ३.२०६ ब, भवनो की
सख्या ३.२१०, तेज-अप्कायिक जीव २४५ ब। खर्वट-चक्रवर्ती ४१३ ब । खलीनित -२.२१० अ, व्यत्सर्ग दोष३६२१८।
खांड-शुभ अनुभाग १६०ब। खांसना-कायक्लेश २४७ ब । खातिका-२२१० अ, समवसरण ४३३० ब । खाद्य-२२१० अ, आहार १२८५ अ । खारवेल-२२१० अ। खारी-२२१० अ, तौल का प्रमाण २२१५ अ । खजली-कायक्लेश २४७ ब । खुरपा-माया कषाय २३८ अ। खशालचंद-२ २१० अ, इतिहास १३३४ अ। खेचर जीव-अवगाहना ११७६, आयु १२६३,
इन्द्रिय १३०६ ब, जीवसमास २३४३, नभचर
२३६७। खेचरानंद-वानरवश १३३८ ब । खेट-२२१० अ, चक्रवर्ती ४१३ ब । खेटक-बलदेव ४१७ ब। खेद-२२१० अ। खेलमल्लक-श्वेताम्बर ४८० अ। खोह-वसतिका ३ ५२८ अ । ख्यातिपूजा लाभ-अनाकाक्ष अनशन १६५-६६, उपदेश
१४२४ ब, तप २३५८ ब,२३६० अ, धर्म २४७६ अ, ध्याता २४६३ अ, राग ३ ३६६ ब, ३ ३६७, वाद ३५३३ अ, विनय ३.५५२ ब, विवेक ३५६६ अ, सल्लेखना ४३८३ अ, साधु ४४०५ अ, स्वाध्याय ४.५२३।
गंग-इतिहास-मूलसघ १३१६ । गगकीति-नन्दिसघ १३२३ ब । गगदेव-२.२१० अ, इतिहास १.३२८ अ, कुरुवंश
१३३५ ब, १३३६ अ, नारायण ४.१८ अ, मूल
संघ १३१६ । गंगराज-२२१० ।। गंगा--२२१० अ, चक्रवर्ती ४१५ ब, तीर्थंकर २३६२।
नदी-निर्देश ३४५५ अ, विदेहस्थ नदी-निर्देश ३.४६० अ,निस्तार ३.४५६,जल का रंग ३.४७८
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