Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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ज्ञानकल्याणक
१००
ज्ञायक-शरीर-नोआगम
जानकल्याणक-कल्याणक २.३२ ब । ज्ञानकल्याणक वन्दना-कृतिकर्म २१३६ अ । जानकीर्ति-इतिहास १३३४ अ, १.३४७ ब । ज्ञानक्रिया-कर्ता-कर्म २.१८ ब, चेतना २२६८ अ। ज्ञानज्ञेय नय--अद्वैतवाद १.४७ ब । ज्ञानचन्द्र-२२७० अ, इतिहास १३३४ अ। ज्ञानचक्षु-इन्द्रिय १३०६ ब । ज्ञानचेतना-अनुभव १८२ अ, उपलब्धि १४३५ अ,
चेतना २.२६७-२६८, सम्यग्दर्शन ४.३५३ ब,
४३६१ ब, ४ ३७६ अ, सम्यग्दृष्टि ४.३७७ ब । ज्ञानदर्शनचारित्र (एकत्व)-चारित्र २ २८३ ब । ज्ञानदान-उपदेश १.४२५ ब, दान ४.४२३ अ-ब । ज्ञानदीपक-२२७० अ । ज्ञानदीपिका-२.२७० अ, आशाधर १.२८१ अ, इतिहास
१.३४४ अ। ज्ञाननंदि-नदिसंघ १३२३ ब । जाननय-२५१४ ब, २.५२० ब, २.५२३ ब, २५२६ ब,
२५४३ अ, चेतना (क्रिया नय) २२६६ ब । ज्ञानपंचमी-२.२७० अ । ज्ञानपंडित-३.२८१ अ । ज्ञानपच्चीसी व्रत-२.२७० अ। ज्ञानपर्याय-३.३३६ ब । ज्ञानप्रवाद-२२७० अ, श्रुतज्ञान ४.६८ ब । ज्ञानबाल-३.२८१ अ। ज्ञानभूषण-२२७० अ, नन्दिसंघ १.३२४ अ, भट्रारक
१.३२४ अ, इतिहास १३३३ अ, १३३३ ब,
१.३४६ अ,१३४७ अ । ज्ञानमती-२.२७० अ, तीर्थकर २.३७७ । ज्ञानमद-३२५६ ब । ज्ञानमार्गणा--(दे० ज्ञानप्ररूपणा)। ज्ञानमीमांसा-दर्शन (सम्प्रदाय) २४०२ ब, २.४०३
ज्ञानसस्कार-४१४६ । ज्ञानसमय-निश्चयज्ञान २.२६६ अ, समय ४३२८ अ। ज्ञानसागर -२ २७० ब, इतिहास १३३४ अ । ज्ञानसार-२२७० ब, इतिहास १३४२ ब, १३४३
ब। ज्ञानसूर्योदय नाटक-इतिहास १३४७ अ। ज्ञानाकार-अनेकान्त १.१०६ ब, आत्मा (मोक्षमार्ग)
३.३३६ अ, केवलज्ञान २ १५३ ब । ज्ञानाचरण-मिथ्यादष्टि ३३०३ ब । ज्ञानाचार-आचार १.२४० अ, मिथ्यादृष्टि ३३०३ ब,
विनय ३ ५५० ब। ज्ञानातिशय-अर्हन्त ११३७ ब । ज्ञानाराधना-आराधना-१२७१ ब । ज्ञानार्णव-२२७० ब, इतिहास १३४३ अ, टीका
१३४६ ब, वचनिका १३४८ अ। ज्ञानावरण-२.२७० ब, २२७२ अ, मोहनीय ३.३४२ अ,
वर्गणा ३.५१७ अ। प्ररूपणा-प्रकृति ३८८, २.२७० ब, स्थिति ४४६०, अनुभाग १६४, ब, अनुभाग का अल्पबहुत्व ११६६ अ, प्रदेश ३ १३६ ब । बन्ध ३ ६३, ३.६७, बन्धस्थान ३.१०६, उदय १३७५, उदयस्थान २.३८७ ब, उदय के निमित्त १.३६७ ब, आबाधा १२४६ अ, उदीरणा १४११ अ, उदीरणास्थान १४१२, सत्त्व ४२७८, सत्त्वस्थान ४.२६४, त्रिसयोगी भग १.३६९। संक्रमण ४८४
ब, अल्पबहुत्व ११६८ ब ।। ज्ञानी--२.२७३ अ, आत्मानुभव १.८४ ब, कर्म
(अकिचित्कर) २.६८ अ, कर्मोदय ३५६० ब, चेतना (अकर्ता) २.२६८ ब, २ २६६ अ, जीव (नामविवक्षा) २३३३ अ, तप २.३६० ब, तीर्थंकर २.२७३ अ, निर्जरा २.६२३ ब, मोक्षमार्ग ३ ३३७ अ, विभाव ३.५६० ब, सम्यग्ज्ञान २.२६५ अ, सम्यग्दृष्टि :
४३७५ व, ४३७६ अ-ब, हिंसा ४.५३५ अ। ज्ञानेश्वर-२.२७३ अ, तीर्थकर २.३७७ । ज्ञानोद्योतन-१.४१४ अ। ज्ञानोपकरण-१.१२२ व, समिति ४.३४१ अ। ज्ञानोपयोग-(दे० ज्ञान), अल्पबहुत्व १.१६० । ज्ञायक-२.२७३ अ। जायक नोआगम द्रव्य-अन्तर १.३ ब । ज्ञायक शरीर-निक्षेप ६५९६ अ-ब, २.६०० ब । जायक-शरीर-आगम-उपशम १.४३७ अ। ज्ञायक-शरीर-नोआगम-अनन्त १.५५ब।
अ।
ज्ञानमूढ (साधु)-निन्दा २.५८६ अ । शानयोग-२.२६८ अ। ज्ञानविनय-विनय ३.५४८ ब, ३.५५० ब । मानवृद्ध-विनय ३.५५२ ब, सगति ४.११६ अ । ज्ञानशक्ति-२.२७० अ। जानशल्य--४२६ ब। सानशुद्धि-४.४० ब।
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