Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 63
________________ कनकचित्ता ३४६७ | रुचकवर पर्वत का ३४७६ अ विस्तार ३.४८७, अंकन ३४६८-४६६ । कनकचित्रा - २४ अ रुचकवर के कूट की देवीनिर्देश ३.४७६ ब, अकन ३.४६८, ३४६६ । कनकध्वज- २४ अ. कुलकर४२५ अ । कनकनन्दि- २.४ अ मन्दिराम देशीय गण १३२५ । इतिहास - प्र १३३० ब, १३४२ ब, द्वि. १३३१ब । कनकपगत्व - कुलकर ४२५ अ । कनकपाद - कदर्प तीर्थंकर २३७७ । कनकपाषाण भव्य ३.२१२ अ । कनकपुल कुलकर ४२५ अ । aregret - विद्याधर वंश १३३९ अ । कनकप्रभ - २४ अ. कुमकर ४२५ अ, घृतवर सागर का देव ३६१४ । कुडलवर पर्वत का कूट -- निर्देश ३ ४७५ ब, विस्तार ३४८७, अकन ३४६७ । कनकमजरी विद्याधर वश १३३९ अ । 81 कनकमाला - असुरेन्द्र की अग्रदेवी ३२०६ अ, वैमानिक दक्षिणेन्द्रो की बल्लभिका ४५१३ ब । - कनकराज -- कुलकर ४२५ अ । कनकधी अगुरेन्द्र की अग्रदेवी ३२०१ अ कनकसंस्थान - ग्रह २ २७४ अ कनकसेन - २४ अ, इतिहास १३२१ व १३३० व देवी - निर्देश कनका - २४ अ, रुचकवर पर्वत की ३ ४७६ अ-ब, अंकन ३४६८-४६६ । कनकाभ-- २४ अ, चक्रवर्ती ४१० अ देव ३६१४, घृतवर सागर का देव ३६१४ । कनकामर इतिहास १३३० ब २.३४२ ब । कनकावली व्रत - २४५ । ५७ Jain Education International कपिशा २.४ ब । कपीवती - २४ व मनुष्यलोक ३.२७५ ब । कपोत लेश्या दे० कापोत लेश्या । कफ २.४ ब औदारिक शरीर १४७२ अ । कमंडलु - अथालन्द चारित्र १४६ अ, अपवाद मार्ग ११२२ व निक्षेपाधिकरण १४१ व समिति ४३४१ अ, सल्लेखना १४६ अ कमठ - २४ ब । कमल- २४ब, अर्हन्तातिशय कमलबन्धुइक्ष्वाकु वंश १३३५ व । इतिहास १३३२ ब । कमलभद्र --- सेनसच १३२६ अ कमलभव २४ ब कमलांग -- २४ ब काल प्रमाण २२१६ अ, २२१७ अ कमला – व्यन्तरेन्द्र वल्लभिका ३६११ ब । कमेकुर - २४ व मनुष्यलोक ३२७५ व क्षौद्रवर द्वीप का करकंडुचरित्र - २.४ ब [इतिहास] १३३३ व । करण— २.४ व उपशम १४३७ अ क्षयोपशम २१५६ अ क्षायोपशमिक सम्यकत्व ११८५ अ निमित्त कारण २६११ अ, शरीर ४६ ब, संयम तथा संयमासंयम २ १८५ ब । करणकारक कर्ता कर्म २१७-१८ कर्म २ १७ ब कारक -२४८ ब कारण कार्य २५६ व 1 ११३७ ब काल-प्रमाण २२१६ अ २२१७ अ तीर्थकर २३६९.२३११. मन्त्र ३६ अ, स्थापना ३६ अ । " कमल ( ग्रहों में) कुलाचल के द्रहो मे निर्देश ३४४६ ब पृथिवीकाय ३५७८ ब गणना ३४४६ अ, विस्तार ३ ४६१, वर्ण ३४७७, अकन ३४५१, ३४५४, चित्र ३४५४ । कमलकीर्ति-काष्ठा सघ १३२७ अ । कमलगुरुम चक्रवर्ती ४१० ब कमलप्रभा - श्यन्तरेन्द्र वल्लभिका ५६११ व । करोत क्रिया कनकोम्बल - २४ अ । कनिष्क २४ अ इतिहास १३१४ । कन्नौज – २४ व कन्या अलीक - सत्य ४ २७३ ब । कपट - आर्जव १२७२ अ । ३.४१२ व ३४१३ ब, सम्यग्दर्शन ४.३६२ ब । कपाटसमुद्घात – २४ व बेबली २१६६ व लेण्या करणानुयोग- १६६-१०१ अ स्वाध्याय ४५२३ ब । - ब, ३४२५, ३४२० व । कपिकेतु वानर व १३३८ करभवेदिनी - २१४ व मनुष्यलोक ३२.७५ ब । करीरी - २१४ व मनुष्यलोक ३२७६ अ । कपित्यमुष्टि- २४ व त्सर्ग दोष ३६२२ अ । कपिल - २४ब, अक्रियावादी १.३२ अ एकान्त मती १४६५ अ परवाद ३ २३ अ, सांख्यदर्शन ४३१८ ब । कपिल-यदुवंश १३३७ ॥ कपिला करुणा - २.१४ ब, अनुकंपा १६६ अ, १६९ अ, जीवकरुणा २.१५ अ । करुणावत्ति दान २.४२२ व २४२७ व करेण किचिद्महण - आहारान्तराव १ २१ ब । करोत क्रिया---२१५ न, चेतना २-२६६ अ - यदुवंश १३३७ । - करणचिह्न – अवधिज्ञान १९९१ व ११९२ अ-ब । 1 करणलब्धि - २६-१४, उपशम १.४३८ अ, लब्धि For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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