Book Title: Gahakoso Part 2
Author(s): Madhav Vasudev Patvardhan, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: B L Institute of Indology
________________
जद्द जूरइ
जइ तस्स
जइ न जइ लोय
जइ सो न
जमंत राइँ
जस ज जह चिंतेs
जह जह जरा
जह जह वाएइ
जह लंघेि
जं असरणो
जं जस्स
जं जं करेसि
जं जं ते न
जं जं पिहुलं जं जं पुलमि
जं जं सो
जंतिय गुलं तुझ सई
जं मुच्छियाएँ जाइज्ज व से
जाइँ वयणाइँ
जाओ सो वि
जाणइ जाणा
जा तणुयाअइ जाव न कोस
जित्तियमित्तं
जित्तियमित्ता
जीयं असासयं
जीवियसेसाइ
जीसे वेसो
जीहाऍ कुति जुज्झचवेडा
Jain Education International
५११
६७
५२६
५०८
२९२
३२१
१८०
६७०
२७७
२४३
६१६
३९०
१५९
३३२
५८४
२४८
४८५
७५
५९५
१७४
४९८
१७६
६९७
३०१
९१
५४८
४४०
७३
४०८
१९३
३५०
५४३
५००
६२४
95
जे लोणभमर
जेण विणा न
जे समुहागय
जो कह वि
जी तीइ अहर
जोयंति अणिमिस
जो वि न पुच्छइ
जो होइ
झंझावाउत्तिणिए
झंझावाउत्तिणिय
झिज्जते हिँ
seऊण सल
ढंखरसेसो
तइया कयग्घ
तइ वोलंते
तइ सुहय तडविणिहिय
तणुएण वि
तत्तो च्चिय
तह तेणं सा
तह नेह
तह परि
तह माणो
तहसंठिय
तह सुन्हा ऍ
तं नमह
तं मित्तं
ताकि करेज
ता मज्झिमु
ता रुन्नं जा
तालूरभमा
ताव च्चिय
aranas
ताविज्जंति
For Private & Personal Use Only
५७६
३६४
१५७
३४५
११५
४०१
२३७
६४८
२५४
३७० २९७
५४१
४९५
९४
१६९
२८८
४०६
३१२
६९६
५२०
५८७
६८१
१३६
११०
१९९
३५२
१६३
१६७
१७०
३४२
३८
४
२७२
६
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278