Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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विषयक्रम
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जैन न्याय एवं तस्वमीमांसा १. जैन तत्त्वमीमांसा : एक अनुचिन्तन २. प्रामाण्यवाद ३. जैनदर्शनमें शब्दका पौद्गलिकत्व-प्रतिपादन ४. चन्द्रप्रभचरित काव्यमें तत्त्वोपप्लववाद समीक्षा ५. प्रमेयरत्नमालाकी टीकाएँ ६. कार्य-कारणभाव : महाकवि कालिदासकी कृतियोंके परिप्रेक्ष्यमें
जैन तीर्थ, इतिहास, कला, संस्कृति एवं राजनीति १. बिहारके जैन तीर्थ २. राजगृह : एक प्राचीन जैन तीर्थ-क्षेत्र ३. जैन साहित्यमें प्रतिपादित मगध जनपद ४. दक्षिण भारतमें जैन धर्मका प्रवेश और विस्तार ५. जैन इतिहासकी प्राचीरपर कुछ भूले विसरे प्रसंग ६. जैनधर्मके प्रभावक पुरुष एवं नारियाँ ७. जैनधर्मका महान् प्रचारक-सम्राट सम्प्रति, ८. सम्राट सम्प्रति और उसकी कृतियाँ ९. आदिपुराणमें वर्णित नारी १०. तीर्थकरोंको पञ्चकल्याणक तिथियां ११. जैन कला : एक विश्लेषण १२. प्राचीन जैन सिक्कोंका अध्ययन १३. सोमदेवका राजनैतिक विवेचन १४.Jain Culture in Shahabad
भक्ति, संगीत एवं ललित कलाएँ १. जैन भक्तिका स्वरूप २. बौद्ध महायानमें भक्ति सिद्धान्त ३. जैन वाङ्मयमें संगीत
ज्योतिष एवं गणित १.जैन ज्योतिषको प्रमुख विशेषताएं २. जैन ज्योतिष साहित्य ३. ग्रीकपूर्व जैन ज्योतिष विचार-पारा
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